शीर्षक - तेरी मेरी प्रेम कहानी की बातें रह जाएंगी
मैं नदी हूँ मुड़कर कैसे आऊँगी
जो बह गई एक बार तो
सागर में मिल ही जाऊँगी
तू कुआँ है हमेशा प्यास बुझाएगा
लेकिन नदी का पानी कुएँ में
कभी उतर नही पाएगा
तू आजाद है परिंदा
उड़ान कहीं भी भर जाएगा
मैं छोटी सी चिड़िया
अपने घोंसले में लौट जाऊँगी
तू फिर कभी आया भी जो लौटकर तो
मेरे घोंसले को फिर पहचान नही पाएगा
मैं हूँ एक फूल
अपनी बगिया में महकती हूँ
तू बनकर एक भँवरा
मुझे लूटने जरूर आएगा
गर उड़ गया एक बार तो फिर ये समझना
जो लौटकर आया फूल मुरझा ही जाएगा
वक्त जो बीत जाए आता नही लौटकर
वक्त की तरह ही मुहोब्बत नही आएगी
इश्क़ नही आएगा, चाहत नही आएगी
मैं नही आऊँगी, तू भी नही आएगा
बातें रह जाएंगी, निशानियाँ रह जाएगी
तेरी मेरी प्रेम कहानी की बातें रह जाएगी।
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Mithi . S
20-Aug-2022 03:12 PM
Behtarin rachana
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Seema Priyadarshini sahay
20-Aug-2022 03:09 PM
बहुत खूबसूरत
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Khushbu
19-Aug-2022 05:53 PM
बहुत खूब
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