Champa rautela

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तालाब यादों का

तालाब  भर गया, 

हाँ वही तालाब जिसके किनारे बैठ कर मैं तुम्हें लिखा करतीं थीं, 
कभी कभी लिखते लिखते बारिश हो जाया करती थी, 
इतने खत अपने पास जमा कर लिए मेने, 
ओर शिकायत तुमसे किया करती थी, 
गलती मेरी हुआ करती थी, 
जो चिट्ठी मैं ना दिया करती थी, 
डरती थी तुम्हें खोने से, 
इसलिए तुम्हें ढूंढने की कोशिश नहीं करती थी, 

हाँ सच्च बात हैं, 
तालाब भर गया, 
तुम्हें लिखने का मौका हार गई, 
अब कभी कभी लिखती हूँ, 
मुलाकात तो जायज नहीं अब, 
खुद 

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8 Comments

Babita patel

12-Mar-2023 04:08 PM

nice

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Chetna swrnkar

21-Aug-2022 12:51 PM

Nice 👍

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Seema Priyadarshini sahay

20-Aug-2022 02:46 PM

बहुत खूबसूरत

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