Sarfaraz

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स्वैच्छिक

🌹🌹🌹🌹नग़मा 🌹🌹🌹🌹

दिल बेक़रार है तो दवा लीजिए ह़ुज़ूर।
हँसकर सलामे इ़श्क़ मिरा लीजिए ह़ूज़ूर।

क्या बात है बताइए गुलनार,गुलबदन।
वीरान लग रहा है मुह़ब्बत का क्यों चमन।
चादर ख़ुशी की रुख़ पे सजा लीजिए ह़ुज़ूर।
हँसकर सलामे इ़श्क़ मिरा लीजिए ह़ुज़ूर।

तन्हा न कट सकेगा जवानी का रास्ता।
मानो कहा ये मेरा तुम्हें रब का वास्ता।
हमराज़ मुझको अपना बना लीजिए ह़ुज़ूर।
हँसकर सलामे इ़श्क़ मिरा लीजिए ह़ुज़ूर।

यूँ ही न बीत जाएँ ये मस्ती के माहो साल
कुमला न जाएँ आपके रुख़सार ये गुलाल।
हाथों पे मेरी मेंहदी लगा लीजिए ह़ुज़ूर।
हँसकर सलामे इ़श्क़ मिरा लीजिए ह़ुज़ूर।

दिल बेक़रार है तो दवा लीजिए ह़ुज़ूर।
हँसकर सलामे इ़श्क़ मिरा लीजिए ह़ुज़ूर।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद उ0प्र0।

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13 Comments

Pankaj Pandey

22-Aug-2022 01:29 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

22-Aug-2022 09:18 AM

बेहतरीन

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Madhumita

21-Aug-2022 03:56 PM

शानदार

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