कहानी --बिल्ली का मकसद
एक बिल्ली थी जिसका नाम था म्याऊं। वह अब बुढ़ी हो चुकी थी ।
उसके दांत कमजोर हो गए थे। उसे अब शिकार करने में दिक्कत होने लगी थी।
उसे अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना चाहिए ।
अचानक उसे ध्यान आया कि चूहों ने मिलकर उसके गले मेंएक घंटी बांधी थी ।
जब वह चलती थी तो वह टन टन बजता था। बिल्ली ने अपना दिमाग लगाया। वह उस घंटी को खोल कर चौराहे वाले मंदिर में एक कोने में बैठ गई और घंटी बजाने लगी।
उधर से आने जाने वाले सभी जानवर यहां तक के चूहे सभी बिल्ली को देखते और 2 मिनट रुक जाते।
सब ने पूछा बिल्ली दादी आप ऐसे क्यों बैठे हो और घंटी क्यों बजा रहे हो?
बिल्ली ने कहा
,, प्रायश्चित कर रही हूं।,,
,, क्यों?,,
बिल्ली ने कहा
,, जिंदगी भर मैंने चूहों का शिकार किया है ।अब मुझे अपने आप में पछतावा हो रहा है। मैं भगवान से माफी मांग रही हूं ।
भगवान तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए मैं घंटी बजा रही हूं ।
चूहों को दया आ गई।
चूहों ने कहाअब जो हो गया वो हो गया उसके लिए इतना प्रायश्चित क्योँ?
चूहे उस दिन से उसके लिए खाना लाने लगे।
बिल्ली को मजे आ गए ।बिल्ली जब चूहे आने लगते तब घंटी बजाने लगती ।
उसे रोज रोज नए नए पकवान मिलने लगे थे तो उसके शिकार का प्रॉब्लम ही खत्म हो गया था।
अब उसके जीने का मकसद सफल हो गया था।
धन्यवाद
दैनिक कहानी प्रतियोगिता
# लेखनी लेखनी
सीमा..✍️🌷
©®
आँचल सोनी 'हिया'
22-Aug-2022 04:16 PM
Bahut sundar 🌺🙏
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Seema Priyadarshini sahay
22-Aug-2022 01:07 PM
सभी का शुक्रिया
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Pankaj Pandey
22-Aug-2022 11:22 AM
बहुत सुंदर रचना 👌
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