Gunjan Kamal

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बिछड़न

हृदय विदारक क्षण थे वे
जब  छोड़  तुम  गए ‌मुझे
घुट  घुट   कर   जी   रहे
हर पल याद तुम आतें मुझे।

जीवन पथ की डगर है मुश्किल
ऑंसूओं  संग  जीवन  बीत रहें
जन्म   जन्म   का   बंधन   था
ये  नाता  फिर  क्यों  तोड़  रहें?

एक दिन लौट कर आओगे
मेरा पागल  मन  कह  रहा
इन   रिसते    घावों    को
तेरा   प्यार   ही  भर रहा।

बिछड़न  सहन  नहीं  होती
दिल की गहराई से कह रही
तुम बिन अब रहा नही जाता
धड़कन ‌भी तो यही कह रही।

                                        धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻

गुॅंजन कमल 💗💞💓
२२/०८/२०२२


# नाॅन स्टाॅप २०२२ 


#  कविता 

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14 Comments

Mahendra Bhatt

26-Aug-2022 05:49 PM

बेहतरीन

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Chetna swrnkar

24-Aug-2022 12:34 PM

Bahut achhi rachana

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Milind salve

23-Aug-2022 09:27 PM

बेहतरीन

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