Mamta tiwari

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दोहे

दोहे -----

मुहावरों का प्रयोग करते हुए दोहा सृजन
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*चट्टे बट्टे* है सभी,*एक ही थैली* यार
नेता तो नेता वही, खा बैठे संसार।

*काँव काँव करते* रहे, चीखे खाये कान
कह दो जो नही सुनना ,स्पीकर देते तान।

*घुन जैसी पिसी* जनता ,करे न कोई काम
*आया पसली* डेढ़ ले,बन गए मोटे राम।

 *तने तने* से रौब में, मन भरे कपट डाह
जन मन को समझे नही,चाहते वाह वाह।

*मुर्दे गड़े* उखाड़ ना, खाली कब्र न खोद
*किस कबर में कौन गड़ा* पता नही है सोच।

*हाँके सभी एक लकड़ी*,बांधे कुछ को तार
होते लातन भूत जो  ,माने न खाए मार ।


ममता तिवारी✍️
२४/०८/२०२२

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7 Comments

Mithi . S

26-Aug-2022 02:47 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

25-Aug-2022 03:49 PM

बहुत खूबसूरत

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Pankaj Pandey

25-Aug-2022 02:15 PM

बहुत अच्छी रचना 👌

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