Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Aug-2022 रविंद्र नाथ टैगोर की गाथा

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-रविंद्र नाथ टैगोर की गाथा

स्वर्ण कनक जैसा था लेखन,
रवि जैसा तेज शशि जैसा उजास,
भारत के थे विद्वान,
करती हूं मैं उनको प्रणाम।

रविंद्र नाथ टैगोर थे महान ज्ञाता,
जिनकी सुना रहे हैं हम गाथा।
भारत के थे महान इतिहासकार,
साहित्यकार में थे गुणवान।

7 मई 18 61 में हुआ रविंद्र नाथ का जन्म,
कहते थे उन्हें बचपन में रवि,
रवि जैसी थी उनकी छवि,
भारत के कहलाए महान कवि।

रविंद्र नाथ थे साहित्यकार,
जन गण मन के थे निर्माता,
जन गण मन हुआ प्रख्यात,
भारत में हुई  छवि विख्यात।

जैसे निकलता है भास्कर,
ऐसा था इनका साहित्य,
अंधेरी में जैसे करता चांद प्रकाश,
ऐसा था लेखनी में उजास।

शांतिनिकेतन, विश्व भारती का किया निर्माण,
सर्वप्रथम मिला उन्हें लेखनी सम्मान,
बंगाल के थे अनोखे मोहक,
नाम था उनका रविंद्र नाथ टैगोर।

सूरज जैसा था नूर,
भारत करता है गुरूर,
ऐसा था उनका सुरूर,
साहित्य, संगीत के कहलाए गुरु।


गीतांजलि काव्य ग्रंथ का क्या निर्माण,
मिला उन्हें नोबेल पुरस्कार,
भारत में रचा इतिहास,
भारत के बने महान रचनाकार।




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13 Comments

Mithi . S

26-Aug-2022 02:02 PM

Nice

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Ajay Tiwari

25-Aug-2022 05:25 PM

Nice

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