अफसोस

लघुकथा -

                       * अफसोस *

  पूजा के बच्चा होने वाला था । उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे अस्पताल ले जाने लगे । मगर , अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसने दम तोड़ दिया ।
  
   लड़के की चाह में अपने सास - ससुर व पति के दबाव के चलते पूजा ने एक के बाद एक तीन लड़कियों को जन्म दिया था । मानो , वह बच्चा जनने की मशीन हो । दो लड़कियों के बाद उसने ऑपरेशन करवाना चाहा तो उसकी सास उसे झिड़कते हुए बोली - " कैसी पागलो जैसी बातें करती हो बहू । घर में वंश चलाने वाला भी तो कोई होना चाहिए । लड़कियों का क्या है ? वे तो पराया धन है । कल को ब्याह कर अपने - अपने घर चली जाएगी । वंश तो लड़के से ही आगे बढ़ेगा ।"

      और , आज जब डाक्टर ने बताया कि होने वाला बच्चा लड़का था तो सास दहाड़े मार - मार कर रोने लगी - " हाय , मेरी बहू । हाय ! मेरा पोता । अगर तुम्हें मरना ही था बहू तो बेटा पैदा करके मर जाती । घर में कम से कम वंश चलाने वाला तो आ जाता ।"

            --- बलजीत गढ़वाल 'भारती

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9 Comments

shweta soni

27-Aug-2022 07:42 PM

Nice 👍

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Shnaya

27-Aug-2022 03:05 PM

बहुत खूब

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