प्रगति
अपने से कमजोर को
गिराने की होड़ बढ़ रही हैं
ऐसी सोच के साथ ऊंचाई पर
चढ़ने की चाहत बढ़ रही है ।
ओछी मानसिकता जब तक
लोगों में व्याप्त रहेगा
परिवार समाज और देश
प्रगति कैसे करेगा ।
दूसरों की गलतियों पर नजर रख
अपनी कमियां छुपाने की कोशिश जारी है
ऐसा करना भी एक गलती है
दिन - प्रतिदिन वही गलतियां हो रही है ।
प्रगति के पथ पर
अग्रसर यदि होना है
निज स्वार्थ को छोड़कर
सबका लेकर साथ आगे बढ़ना है ।
बदलते वक्त के साथ जिस दिन
पूरे समाज की सोच बदलेगी
और कुछ भी करने की जरूरत नहीं बचेगी
सबकी प्रगति खुद - ब - खुद होती रहेगी ।
सकारात्मक सोच ही हर किसी को
प्रगति के शिखर पर पहुंचाती है
सच्ची मेहनत का परिणाम
एक - ना - एक दिन अवश्य दिलाती है ।
प्रगति का सोच कर ही
सिर्फ बैठे रहना नहीं है
खुद को बदल कर
आगे बढ़ना ही प्रगति है ।
धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
गुॅंजन कमल 💗💞💓
# नाॅन स्टाॅप २०२२
# कविता
Pratikhya Priyadarshini
24-Sep-2022 10:52 PM
Bahut khoob 💐👍
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Swati chourasia
23-Sep-2022 04:23 PM
बहुत खूब 👌
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नंदिता राय
05-Sep-2022 02:40 PM
बेहतरीन
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