Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -28-Aug-2022 तुम आगे बढ़ो

शीर्षक-तुम आगे बढ़ो


मुर्गा दे रहा है बाग,
हो गई है नयी प्रभात,
मन में जगाओ आस,
करो मन में उम्मीद जागृत।
मन में एक नई आस लेकर चलो।।

नई आशा के संग आगे बढ़ो,
नई उम्मीद के संग चलो,
अपने सपनों को ना रोको,
संग में विश्वास लेकर चलो।
मन में एक नई आस लेकर चलो।।

मन में जब छाती है उदासी की घटा,
मन में जागृत करो नई आभा की छटा ,
आशा की लेकर दिल में उमंग,
तुम आगे बढ़ते चलो।
मन में एक नई आस लेकर चलो।।

पथ में होंगे लाख कांटे,
निडर होकर बढ़ते जाओ आगे,
होंगी लाख मुश्किलें,
मुश्किलों का सामना करते आगे बढ़ो।
मन में एक नई आस लेकर चलो।

सूरज की नई उमंग,
मन में लेकर नई तरंग,
बनाओ जिंदगी में मुकाम,
नई राह को लेकर आगे बढ़ते चलो।
मन में एक नई आस लेकर चलो।।

आशा का मन में जला कर दीप,
आशा के मोतियों की बनाकर प्रीत,
मन में रखो ऐसी उम्मीद,
दे रही है सीख आगे बढ़ते चलो।
मन में एक नई आस लेकर चलो।।

सूरज का भी  तपन बढ़ेगा
बादल भी गरजेगा
बरसात भी बरसेगी,
ना डगमगा कदम, आगे बढ़ते चलो।
मन में एक नई आस लेकर चले।।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

   12
7 Comments

shweta soni

31-Aug-2022 12:07 PM

Behtarin rachana

Reply

Punam verma

29-Aug-2022 09:17 PM

Very nice

Reply

बेहतरीन आशा और उम्मीद जगाती बहुत ही खूबसूरत रचना

Reply