छोड़ देंगे!
इत्तेफाक़ की बात नहीं,एक दिन हम छोड़ देंगे
ज़हर पिला-पिला के ज़िंदा रखा है, एक दिन हम छोड़ देंगे
तुम्हें ज़हर के साथ घुलते देखा है
उसी ज़हर के साथ जीते देखा है
ना अब मुर्दे-ए-जमघट होगी, एक दिन हम छोड़ देंगे
तुम्हें पसीने के साथ मिलते देखा है
उसी पसीने के साथ जीते देखा है
ना अब कोई मेहनत-ए-सरीह होगी, एक दिन हम छोड़ देंगे
पसीने के बाद की ठंढक बन जाना, एक दिन हम छोड़ देंगे
चाह की हर बारिश मे तुम उम्मीदों की धरा बन जाना,
एक दिन हम छोड़ देंगे
कोशिशें कर-करके डूबते देखा है
ज़िंदगी-ए-क़फ़स मे डूब कर भी जीते देखा है
ना अब कोई कोशिश-ए-नाकाम होगी, एक दिन हम छोड़ देंगे।
~ रितेश पांडेय
@riteshpandey_10
Zakirhusain Abbas Chougule
18-Sep-2022 09:00 AM
Nice
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shweta soni
31-Aug-2022 12:03 PM
Behtarin rachana
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Punam verma
29-Aug-2022 09:13 PM
Very nice
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