Champa rautela

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लिखो

मेरे लिए बुरा भी लिखना, 


शायद मन में भारी पन हो ,
दुख में डूबा तुम्हारा कलम हो, 
खुद को मायूस मत करो, 
हो सके तो मेरे लिए डांट लिखो, 
पर मुस्कराओ तुम, 
उदासी भी अब तुमसे रूठने लगी, 
उदासी की खुशी से लड़ाई होने लगी हैं, 

मेरे लिए बुरा भी लिखना, 
शायद तुम्हें बात नहीं करनी, 
पर भयभीत मन को ना karna





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10 Comments

Babita patel

12-Mar-2023 03:57 PM

nice

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Radhika

09-Mar-2023 12:55 PM

Nice

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