V.S Awasthi

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जूता

जूता
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आज के युग में बिना हमारे आफिस का कोई काम ना होता
अधिकारी की जेब में चांदी का या तो सिर पर चमड़े का होता 
दूल्हा चाहे कितना सुन्दर हो बिना हमारे ब्याह ना होता 
जब तक साली हमें ना चुराती दूल्हे का पूरा ब्याह ना होता 
नेताजी के भाषण सुनने जाओ तुम्हें वहां पर कोई नहीं पूछता 
नेताजी के चेहरे पर मुझे चलाओ फिर हर व्यक्ति तुम्हें खोजता 
हमको तुमने ज्यों ही फेंका तुम अखबारों में छा गए हो
हर घर के न्यूज चैनल पर केवल तुम ही देखे जा रहे हो
हमको अपने पैरों पर पहन कर बढ़ जाती है तुम्हारी शान
इसी से कहता हूं मित्र तुम नहीं, जमीं पर मैं(जूता) हूं महान
जय हो चरण रक्षक,शूल और कंकड़ों के भक्षक 
पूज्यनीय, बलशाली, वन्दनीय जूता महाराज
तुम्हारे बिना अधूरा है देश का असली रामराज
यदि प्रभु राम दशरथ नन्दन अनुज भरत लाल को 
चरण पादुका ना प्रदान करते  महाराज भरत कैसे अयोध्या पर राज करते
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर

# नाॅन स्टाॅप कविता 

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4 Comments

Supriya Pathak

17-Sep-2022 11:15 PM

Achha likha hai 💐

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Achha likha hai aapne 🌺🙏

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