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गमों के अंधियारे में!

गमों के अंधियारे में, उजालों का एक पहर हो
बनावटी शरबतो के बीच, एक प्याला जहर हो

मुस्कुराओ! क्यों बहाते हो इन आंसुओ को बेकार में
दुनिया की इस भीड़ में, एक अपना खुशनुमा शहर हो।

#MJ

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4 Comments

Niraj Pandey

17-Aug-2021 06:41 AM

वाह 👌

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Seema Priyadarshini sahay

17-Aug-2021 05:08 AM

बहुत खूबसूरत

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Sahil writer

17-Aug-2021 03:42 AM

Nice

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