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सिनेमा टोक भाग-भाग-9, हम आप के है कौन भाग-1 नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 21

सिनेमा टोक भाग-भाग-9, नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-21

Hum Aap ke hai kaun !!!  (पार्ट-१)

 कहा देखी जा सकती है : झी-5 और यु ट्युब पर

 रीलीज तारीख  : 5 ओगस्ट 1994

 कलाकार :

1. सलमान खान : प्रेम

2. माधुरी दिक्षित : निशा

3. मोहनीश बहल : राजेश

4. रेणुका शहाणे  : पूजा

5. आलोक नाथ : कैलाशनाथ

6. अनुपम खैर : प्रोफेसर सिद्धार्थ चौधरी

7. रीमा लागू : मधुकला चौधरी

8. अजीत वाच्छानी : प्रोफेसर महेन्द्र कश्यप

9. सतिश शाह : डो. सिंघल

10. हिमानी शिवपुरी : रझिया सिंघल

11. बिन्दु : भगवंती कश्यप

12. साहिला चढ्ढा : रिटा नाथ

13. लक्ष्मिकांत बर्डे : लल्लु प्रसाद

13. प्रिया अरुण : चमेली

14. दिलिप जोशी : भोला प्रसाद

15. टफी पामोरीयन कुत्ता


प्रोड्युसर : अजित कुमार बडजात्या, कमल कुमार बडजात्या, राजकुमार बडजात्या

लेखक एवम दिग्दर्शक : सुरज बडजात्या

संगीत : राम लक्ष्मण

गायक : एस. पी बालासुब्रमणियम, लता मंगेशकर, उदित नारायण, कुमार शानु, शैलेन्द्र  सिंघ और शारदा सिन्हा।

 

पुरस्कार :

1995फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - माधुरी दीक्षित

19961995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार - सूरज बड़जात्या

 

हेल्लो लेखनी,

आज लेकर आया हु वो फिल्म जहा से शायद initialism मतलब प्रथमाक्षर फिल्म को पहचान ने की प्रथा शुरु हुइ थी। प्रथमाक्षर मतलब इंग्लिश मे हम आप के है कौन का शोर्ट फोर्म HAHK  कहा जाता था। आगे जाकर यही शोर्ट फोर्म एक बेहतरीन फिल्म का हमेशा नाम ही बन गया....वो फिल्म थी DDLJ दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे।

खैर अभी बात करे एच.ए.एच.के. की....मैने प्यार किया की सफलता के बाद सूरज बडजात्या ने एक और पारिवारिक फिल्म बनाने की सोची। वैसे मैने प्यार किया एक टीन-एज लव स्टोरी थी...जब की राजश्री प्रोडक्शन हमेशा से पारिवारिक फिल्मे बनाता आया है। दुसरा ये भी है की राजश्री प्रोडक्शन 4 या 5 साल मे केवल एक ही फिल्म बनाता आया है और ये दौर आज भी कायम है।

हम आप के है कौन के बारे मे बताने से पहले मैने प्यार किया के आर्टिकल मे एक बात रह गइ थी वो बताना चाहुंगा....


भाग्यश्री जो मैने प्यार किया की मुख्य अदाकारा थी उसे ये फिल्म मिली कैसे ? भाग्यश्री की पिताजी कभी नही चाहते थे की भाग्यश्री ऐसे वैसे कपडे पहने, खुल्ले आम दुसरी अदाकारा जैसे घुमे, मोडेलिंग करे...नही बिल्कुल नही। यहा तक की भाग्यश्री और इन के पति हिमालय मे गेहरी दोस्ती थी ये बात जब उन के पिताजी को पता चली तो साफ शब्दो मे भाग्यश्री को मना कर दिया गया की इस लव स्टोरी को यही खत्म कर दिया जाये। भाग्यश्री ने भी हिमालय को बता दिया की हमारा रिश्ता असम्भव है। और भाग्यश्री के लिये रिश्ते देखना शुरु कर दिया गया।


एक दिन भाग्यश्री के पिताजी ने कहा की मेहमान आ रहे है तुम तैयार हो जाओ। भाग्यश्री तैयार होकर बाहर लोन मे आइ और देखा की राजश्री प्रोडक्शंन्स के सूरज बडजात्या अपनी फेमिली के साथ आये हुवे है। सारे परिवार को यही लगा था की सुरज भाग्यश्री को देखने आये है। दोनो को बातचीत करने के लिये एकांत दिया गया तब सुरज ने प्रस्ताव रखा की मै यहा आप को फिल्म के लिये साइन करने आया हु। भाग्यश्री ने साफ इंन्कार कर दिया। बाद मे जब भाग्यश्री के पिताजी को पता चला तो वे बोले की ऐसे साफ मना नही करना चाहिये था। सोच विचार के बाद फैसला लो। बाद मे सूरज ने भाग्यश्री को जब मैने प्यार किया की स्टोरी सुनाइ तो भाग्यश्री को अपने हिमालय के साथ बीते एक एक दिन और एक एक बाते याद आने लगी। क्युकी जो द्रश्य मैने प्यार किया मे फिल्माये गये है उस मे से बहुत बाते भाग्यश्री के वास्तविक जीवन मे घटित हुवे थे। और वो रो पडी। लेकिन फिल्म के लिये नही मान रही थी।


सूरज ने हार नही मानी...उन्होने भाग्यश्री को बताया की जिस तरह आप रीएक्ट कर रही हो वही मुजे मेरी फिल्म मे चाहिये। और आखिर भाग्यश्री ने फिल्म साइन कर ली। हिमालय के साथ रिश्ता अल्मोस्ट खत्म हो चुका था। उटी मे शुटिंग के वक़्त (जब सलमान भाग्यश्री और उन के पिताजी आलोकनाथ को मनाने जाता है वो सारी शुटिंग) फिर से हिमालय के साथ भाग्यश्री के तार जुडे। और आखिरकार भाग्यश्री अपने भाग्य के सामने हार गइ और उस ने अपने पिताजी को बोल दिया की अब वो शादी हिमालय से ही करना चाहेगी। भाग्यश्री के परिवार नही माने तो दोनो ने बिना परिवार ही शादी कर ली। क्युकी फिल्म बन चुकी थी...सफल होगी की नही वो भी पता नही था...इसिलिये दोनो ने सोचा की शादी कर ही लेते है।

 

शुटिंग के दौरान जब भी मौका मिले तब सलमान बार बार भाग्यश्री के कानो मे वो गीत गुनगुनाता था...’दिल दिवाना बिन सजना के माने ना...’। भाग्यश्री ने बार बार सलमान को मना किया फिर भी सलमान अपनी हरकतो से बाज नही आये। आखिर एक दिन भाग्यश्री ने गुस्से से सलमान को कहा की वो फ्लर्ट बन्ध कर दे उसे पसन्द नही है। तब सलमान ने बताया की वो फ्लर्ट नही कर रहा बल्की हिमालय उन के दोस्त का दोस्त है और सारी प्रेमकहानी वो जानता है इसिलिये वो बार बार भाग्यश्री को सताता है। हालाकी कीसी को भी पता नही था लेकिन सलमान को पता लग चुका था। खैर हिमालय और भाग्यश्री ने चुपचाप शादी कर ली और जब फिल्म के प्रमोशन शुरु हुवे तब भाग्यश्री गर्भ से थी।

 

मैने प्यार किया सफल रही लेकिन भाग्यश्री को अपने पति और परिवार पर पुरा ध्यान रखना ज्यादा जरुरी समजा और वो अपने नीजी जीवन मे खो गइ।

भाग्यश्री ने एक इंटॅरव्यु मे बताया है की उस के कभी खाना पकाया नही था...चाय तो वो पीती भी नही और हिमालय को चाय ज्यादा पसंद है। अपने मायके मे शाम का खाना भाग्यश्री और उन के परिवारवाले 9 या 10 बजे खाते थे जब की हिमायल के यहा शाम को 7 बजे। कइ दिनो तक भाग्यश्री भुखी रही और रात को नीन्द भी पुरी नही हो पा रही थी। हिमालय के माताजी ने एक दिन उसे बिठाया और पुछा की बात क्या है ? क्युकी भाग्यश्री की आखे सारी बाते बताती थी....आखो मे सुजन और काले स्पोट बन चुके थे। भाग्यश्री रोइ और सारी सच्चाइ बताइ। सासुमा ने तुरंत बताया की इसे अपना घर ही समजो और मुजे अपनी मा....जब मन चाहे खाना खाओ और जब मन चाहे तब आराम कर लो।

 

अपने मायके से अलग हुइ भाग्यश्री को अब सब से बडा सहारा मिला और बरसो तक अपना परिवार सम्भाला। पहली संतान अभिमन्यु के वक़्त भाग्यश्री को कुछ नही आता था तब भी उन की सासुमा ने बहुत हेल्प कर दी और दुसरी संतान के वक्त भाग्यश्री...खाना पकाने और घर सम्भालने मे एक्स्पर्ट हो चुकी थी। अब उन के दोनो संतान डेब्यु कर चुके है और वो वापस ग्लेमर की दुनिया मे आ चुकी है।

 

चलो वापस चलते है आज की फिल्म की ओर.... तो दोस्तो सुरज बडजात्या को बनानी थी पारिवारिक फिल्म और वार्ता उन को चाहिये थी। 1 साल और 9 महिने लगे सूरज बडजात्या को हम आप के है कौन की स्क्रिप्ट लिखने मे। पहले 5 महिने सुरन बडजात्या ने लगाये मैने प्यार किया का दुसरा भाग बनाने के लिये लेकिन पिताजी राजकुमार बडजात्या ने उसे सुजाव दिया की वो राजश्री की पुरानी फिल्मो पर से ही रीमेक बना ले।

बड़जात्या ने अपनी प्रोडक्शन की कुछ ढीली ढाली सी फिल्म नदिया के पार की कुछ स्थितियों को घिसे-पिटे तरीके से व्यवहार करने से बचने के लिए संगीत की संख्याओं का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप इतने सारे गाने बन गए कि फिल्म की लंबाई और गीतों की संख्या के बारे में फिल्म की प्रारंभिक स्क्रीनिंग के दौरान शिकायतें थीं। बड़जात्या के दादा, कंपनी के संस्थापक ताराचंद बड़जात्या को "धिक्ताना" गीत इतना पसंद आया कि फिल्म को लगभग वही शीर्षक दिया गया। बड़जात्या ने बाद में इंडिया अब्रॉड को बताया, "इस फिल्म में मेरा प्रयास सिनेमा जाने वाली जनता को सर्वोत्कृष्ट पारिवारिक जीवन से परिचित कराने का है... लोगों को यह महसूस कराने के लिए नहीं कि वे एक फिल्म देखने आए हैं, बल्कि उन्हें ऐसा महसूस कराएं कि वे एक बड़े संयुक्त परिवार से मिलने आए हैं जो शादी की तैयारी कर रहा है"।

 

कहानी उस समय लोकप्रिय की तुलना में अलग तरह से बनाई गई थी। अच्छाई और बुराई के बीच कोई खलनायक, हिंसा या लड़ाई नहीं थी। फिल्म की शुरुआत से लेकर अंत तक  फिल्म को चार साल लगे। माधुरी दीक्षित को निशा की भूमिका निभाने के लिए 2,75,40,000 का वेतन दिया गया था।

इस फिल्म के लिये सब से पहले आमिर खान को प्रेम की भूमिका की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने स्क्रिप्ट से असंतुष्ट होने के कारण प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद यह सलमान खान के पास गया।

उत्पादकों / वितरकों ने अपने काम पर सामान्य स्तर से अधिक नियंत्रण का प्रयोग किया। एक सीमित रिलीज, टेलीविजन प्रचार का एक नया रूप, वीडियो चोरी के खिलाफ सुरक्षा उपाय, और वीडियो टेप जारी करने में देरी थी।

गीतो को बनाने मे सब गायको के साथ सुरज बडजात्या की लगभग 50 सेसंन्स हुवे। मैने प्यार किया के संगीतकार राम लक्ष्मण (मुल नाम विजय पाटिल) ने उत्क्रुष्ट संगीत का निर्माण किया। सारे गीत ‘सारेगामापा’ बेनर के तले रीलीज किये गये जिस कम्पनी का तब तक ओरिजनल नाम था एच.एम.वी. (हीज मास्टर्स वोइस)। 14 गाने इस सीरीज मे थे (15 वा सेड सोंग ‘मुज से जुदा होकर’ अल्बम मे नही है) और ये गाने सुपर हीट रहे और बोलीवुड के इतिहास मे 29 वे नम्बर पर है इस गीतो की केसेट बीक्री मे। अलमोस्ट 12 मिलियन युनिट की बीक्री हुइ थी और 90 के दशक का सब से बडा सुपरहीट रहा।

 

हम आप के है कौन के गीत काफी मशहुर् हुए। ये गीत का लिस्ट है...

 1.

"माय नी माय"

 

देव कोहली

लता मंगेशकर

4:21

2.

"दीदी तेरा देवर दीवाना"

 

 

देव कोहली

लता मंगेशकरएस॰ पी॰ बालासुब्रमण्यम

8:05

3.

"मौसम का जादू"

 

रविन्दर रावल

लता मंगेशकर, एस॰ पी॰ बालासुब्रहमनयम

5:03

4.

"चॉकलेट लाइम जूस"

 

 

देव कोहली

लता मंगेशकर

4:27

5.

"जूते दो, पैसा लो"

 

रविन्दर रावल

लता मंगेशकर, एस॰ पी॰ बालासुब्रहमनयम

4:36

6.

"पहला पहला प्यार"

 

देव कोहली

एस॰ पी॰ बालासुब्रहमनयम

4:25

7.

"धिकताना (भाग 1)"

 

 

रविन्दर रावल

एस॰ पी॰ बालासुब्रहमनयम

5:20

8.

"बाबुल"

 

रविन्दर रावल

शारदा सिन्हा

3:44

9.

"मुझसे जुदा होकर"

 

देव कोहली

लता मंगेशकर, एस॰ पी॰ बालासुब्रहमनयम

6:02

10.

"समधि समधन"

 

रविन्दर रावल

लता मंगेशकरकुमार सानु

5:51

11.

"हम आपके हैं कौन"

 

 

देव कोहली

लता मंगेशकर, एस॰ पी॰ बालासुब्रहमनयम

4:00

12.

"वाह वाह रामजी"

 

रविन्दर रावल

लता मंगेशकर, एस॰ पी॰ बालासुब्रहमनयम

4:15

13.

"लो चली मैं"

 

रविन्दर रावल

लता मंगेशकर

2:53

14.

"धिकताना (भाग 2)"

 

 

रविन्दर रावल

लता मंगेशकर, एस॰ पी॰ बालासुब्रहमनयमउदित नारायण, शैलेंदर सिंह

8:07

कुल अवधि:

 

 

                                            71:09

 

1982 मे राजश्री प्रोडक्शंस ने नये कलाकारो के लेकर ग्रामभुमि की पार्श्वभुमि को लेकर एक पारिवारिक फिल्म बनाइ जिस का नाम था ‘नदिया के पार’.....बस वही वार्ता, वही सारे द्रश्य...वही सारे डायलोग्स को लेकर उस मे केवल हास्य का खजाना और कुछ शहरी मसाला को मिक्स कर लिया और हो गइ फिल्म.....हम आप के है कौन।

दोस्तो अगली बार हम आप के है कौन देखने से पहले नदिया के पार देख लेना....एक एक द्र्श्य की कोपी कर ली गइ है।

 5 अगस्त 1994 के दिन मुम्बइ के लीबर्टी सिनेमा मे प्रिमियर रखा गया और बाद मे बहुत कम प्रिंट के साथ रीलीज कर ली गइ। लेकिन फिल्म की लम्बाइ के लिये बहुत शिकायते आने के बाद दो गाने फिल्म से हटा लिये गये जो बाद मे सुपरहीट होते ही जोड लिये गये। उतना ही नही कइ द्रश्य काट लिये गये थे। लेकिन ये फिल्म जब जी-सिनेमा पर पहलीबार आइ तब से लेकर आज तक वो पुरी फिल्म दिखाइ जा रही है।

 जैसे कुछ द्रश्य आप को याद दिलाता हु.....

नदिया के पार मे एक काफी मशहुर गीत है....’कौन दिशा मे लेके चला है...’ बस यही गीत हम आप के है कौन मे बना.....’मौसम का जादु है मितवा..” ऐसे कइ द्रश्य है।

फर्क सिर्फ इतना है की नदिया के पार बिल्कुल शांत और काफी गम्भीर फिल्म है और हम आप के है कौन हल्की सी कोमेडी के साथ शहरी पुलाव मिलाकर पेश की हुइ फिल्म है। लेकिन आप सब को नदिया के पार देखने मे भी उतना ही मजा आयेगा जितना हम आप के है कौन देखने मे....

चलिये अब बात करते है कलाकारो के बारे मे....

सलमान खान, आलोक नाथ, मोहनीश बहल, सुरज बडजात्या, लक्ष्मिकांत बर्डे, दिलिप जोशी (जेठालाल)...इन सब के बारे मे पहले बात हो चुकी है इसिलिये दुबारा लिखना सही नही होगा...बाकी सब कलाकारो के बारे मे जानते है। माधुरी दिक्षित के बारे मे तो आज नही लिखुंगा....क्युकी शायद एक पुरा आर्टिकल उस के उपर बनता है। इसिलिये आज सतिश शाह, रीमा लागु, अजित वाच्छानी, हिमानी शिवपुरी और बिन्दु के बारे मे जानेंगे।

 

1.    बिन्दु : जन्म : 17 अप्रैल 1941 (हाल आयु : 81 साल)

 

जन्म स्थल :वलसाड (अभी गुजरात मे है उस वक़्त बोम्बे प्रेसिडेंसी मे था)। वलसाड से एक दिशा मे सुरत शहर केवल 95 कीमी दुर है और दुसरी ओर वलसाड से मुम्बइ केवल 194 कीमी दुर है। वलसाड के आम विश्वभर मे मशहुर है।

 

पिता का नाम : नानु भाइ देसाइ और माताजी : ज्योत्सना

बिन्दु ने अपने बचपन के दोस्त चम्पकलाल झवेरी के साथ शादी की है और उन का एक बच्चा भी था जो अभी जीवित नही है।

बिन्दु और अरुणा इरानी की माताये सगी बहने है। इसिलिये बिन्दु, अरुणा इरानी, फिरोज इरानी, आदी इरानी और फिल्म प्रोड्युसर डायरेक्टर इन्दर कुमार (दिल फिल्म) कजिंस है।

 

बिन्दु 13 साल की थी जब उस के पिताजी चल बसे। सात भाइओ-बहनो मे सब से बडी बिन्दु के उपर पुरे घर की जिम्मेदारी आइ और उन्होने फिल्म लाइन चुन ली। क्युकी उन के पिताजी नानुभाइ देसाइ गुजराती फिल्म जगत मे जाने माने प्रोड्युसर थे।

 

बिन्दु की सगी बहन ने लक्ष्मीकांत (लक्ष्मीकांत प्यारेलाल वाले) के साथ शादी की है और उन के घर ही बिन्दु विख्यात डायरेक्टर राज खोसला साहब से मीली और अपने लिये काम मांग लिया। राज खोसला ने बिन्दु को वेम्प का रोल ओफर किया। अपने पति के साथ बातचीत करने के बाद पति की मरजी के साथ बिन्दु ने वो रोल स्वीकार कर लिया और आज तक वेम्प के रोल के लिये बिन्दु के पति ने कभी उसे मना नही किया है।

 

1962 की फिल्म ‘अनपढ’ से बिन्दु ने अभिनय शुरु किया। लेकिन सफलता मिली फिल्म ‘इत्तेफाक’ से। यश चोपरा के भाइ बी.आर. चोपरा (महाभारत सीरीयल जिस ने बनाइ है) ने दो फिल्म ऐसी बनाइ थी जिस मे कोइ गीत नही था। 1960 मे कानून और 1969 की यह फिल्म ‘इत्तेफाक’।

इत्तेफाक वो फिल्म रही जो हिन्दी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने 1969 से लेकर 1971 मे लगातार 17 सुपर हीट फिल्मे दी (ये अभी तक रेकोर्ड कायम है) उस मे शामिल थी। दुसरी दिलचश्प बात यह भी है की यश चोपरा अपने बडे भाइ बी.आर.चोपडा को आसिस्ट किया करते थे। लेकिन ‘यश फिल्म्स’ बेनर बनाने से पहले इत्तेफाक आखरी फिल्म थी जब यश चोपडा ने बी.आर. चोपडा को आसिस्ट किया हो। बाद मे यश ने अपनी फिल्म कम्पनी शुरु कर दी।

इत्तेफाक मे बिन्दु ने नकारात्मक भुमिका निभाकर दर्शको का मन जीत लिया और राजेश खन्ना की एक और सुपर हीट फिल्म ‘कटी पतंग’ मे ‘शबनम’ की भुमिका निभाकर बिन्दु ने बोलीवुड मे ‘वेम्प’ की जगह हमेशा अपने नाम कर ली। वेम्प इसे कहा जाता है जो पुरुषो को मोहित करने मे एक्स्पर्टॅ हो। और आप देखिये बिन्दु ने अपनी केरियर मे बहुत सी ऐसी भुमिकाये निभाइ है। खास कर के कटी पतंग का वो गाना.....’मेरा नाम शब्बो...’।

बहुत सी सारी फिल्मो मे बिन्दु ने नकारात्मक भुमिकाये निभाइ है। कपिल शर्मा के शो मे अरुणा इरानी के साथ जब बिन्दु आइ थी तब कपिल ने एक प्रश्न पुछा था की आप जब नकारात्मक भुमिकाये निभाती थी तब पार्टीयो मे या फेमिली फंक्शन मे क्या असर पडता था। बिन्दु ने जवाब दिया था की जब हम पार्टीयो मे या फंक्शन मे जाते थे तो पत्निया अपने पति को छुपा लेती थी या बान्ध लेती थी (मतलब उस के आगे पीछे हमेशा नजर मे रखती थी।) महिला वर्ग हमे नफरत की निगाहो से देखते थे और यही हमारी काम करने की सफलता थी।

 

हेलन और अरुणा इरानी के बाद बिन्दु बोलीवुड की तीसरी केब्रे डांसर के रुप मे मशहुर हुइ। केवल नकारात्मक नही बल्की उन की अभिनय क्षमता फिल्म ‘अभिमान’ मे और ‘अर्जुन पंडित’ मे भी दीखी जहा पर उस ने सकारात्मक भुमिकाये भी निभाइ। विख्यात विलन अजीत का डायलोग ...’मोना डार्लिंग’ जो फिल्म ‘जंजीर’ से था वो मोना डार्लिंग की भुमिका बिन्दु ने ही निभाइ है।

 

बिन्दु वो महिला है जिस ने बोलीवुड मे साबित किया है की विवाह के पश्चात भी बोलीवुड मे काम किया जा सक्ता है। उतना ही नही उम्र के साथ आखरी पडाव मे भी उस ने फिल्म ‘हीरो’, ‘अलग अलग’, ‘बीवी हो तो ऐसी’, ‘किशन कन्हैया’ फिल्मो मे भी मा और सासु के रुप मे नकारात्मक भुमिकाये खुबसुरत तरीके से निभाइ है।

 

सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ बिन्दु ने भले मुख्य हीरोइन के रुप मे नही लेकिन महत्वपुर्ण रोल के साथ कुल 13 फिल्मे की है। बिन्दु के नकारात्मक रोल काफी फिल्मो मे प्रेमचोपरा के साथ ही रहा है।

 

एक आसन्न गर्भावस्था, उसके बाद गर्भपात ने बिन्दु के करियर में एक खामोशी ला दी और अपने डॉक्टरों की सलाह पर उसे 1983 में ग्लैमरस 'वैंप' - नृत्य और सभी के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त करना पड़ा। हालांकि, वह दूर नहीं रही। लंबे समय तक और चरित्र भूमिकाओं के साथ सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की फिल्म 1982 की ‘हीरो’ से (जेकी श्रोफ की पहली और मिनाक्षी शेषाद्री की पहली सुपरहीट फिल्म और सुभाष घाइ द्वारा निर्देशित)। 
 
आगे जाकर कुछ फिल्मो मे उस ने कोमिक रोल्स भी अद्भुत निभाये जिस मे ‘शोला और शबनम’, ‘मै हू ना’ जैसी फिल्मे शामिल है। 
 
160 से भी ज्यादा फिल्मो मे अभिनय के बाद भी बिन्दु का फिल्मो का सफर जारी है और आज तक 7 बार फिल्मफेयर नोमिनेशन मिल चुके है। वैसे आज तक एक भी एवार्ड नही जीते है। 
2.      सतिश शाह : जन्म : 25 जुन 1951 (हाल आयु : 71 साल) 
जन्म स्थल : बोम्बे (हाल मुम्बइ) 
सतिश शाह ने कुछ मराठी फिल्मे जरुर की थी लेकिन सफलता मिली उन को कोमेडी रोल्स मे। फिल्म ‘जाने भी दो यारो’ जो बोलीवुड के कोमेडी फिल्मो मे सर्वोत्तम मानी गइ है उस मे यादगार रोल किया था। (उस फिल्म के बारे मे लिखुंगा तब बताउंगा लेकिन इतना बता लेता हु की उस फिल्म मे एक मुर्दे का रोल किया था। काफी लम्बे समय तक उस मुर्दे को अन्य किरदार अलग अलग जगहो पर ले जाते है....आप सोचो की अलग अलग जगहो पर म्रुत्यु हो जाने के बाद वही स्थिती मे आप को मुर्दे का रोल करना होता है तो कितना मुश्किल होगा।)
हिन्दुस्तान की टेलिविजन मे पहले केवल दूरदर्शन ही था और उस पर सब से पहली कोमेडी सीरीयल आइ थी जिस का नाम था ‘ये जो है जिन्दगी’ उस सीरीयल मे सतिश शाह ने कोमेडी रोल किये थे। 55 एपिसोड की उस सीरियल मे अलग अलग 55 कोमेडी रोल्स सतिश शाह ने निभाये थे। ‘घर जमाइ’ सीरियल मे 80 एपिसोड,  ‘ओल ध बेस्ट’ शो मे 109 एपिसोड....ऐसे कइ अनगिनत सीरियल्स उन्होने की है। 2008 मे अर्चना पूरनसिंघ के साथ ‘कोमेडी सर्कस’ मे वो जज भी रह चुके है। अभी तक 250 से भी ज्यादा फिल्मे सतिश शाह कर चुके है। ‘सारा भाइ वी. सारा भाइ’ सीरियल के लिये उसे इंडियन टेलीविजन का बेस्ट परफोर्मंस इन कोमिक रोल्स का एआर्ड भी मिला है। 
 
3.      अजित वाच्छानी : जन्म 10 अगस्त 1951, म्रुत्यु : 25 अगस्त 2003 आयु : 52 साल)
जन्म स्थल : बोम्बे, 
1985 मे ‘बनते बिगडते’ सीरियल से अजित वाच्छानी का नाम मशहुर हुवा और तुरंत उसे फिल्मे मिलने लगी। उस की सब से पहली हीट फिल्म रही ‘मि. इन्डिया’ जिस मे उन्होने विलन ‘मोगेम्बो’ के दाये हाथ ‘तेजा’ की भुमिका निभाइ। मराठी, सिन्धी और गुजराती थियेटर मे नाटको मे उन का नाम काफी मशहुर रहा।  एक सीरीयल थी जिस का नाम था ‘एक महल हो सपनो का’। ये सीरीयल गुजराती, मराठी और हिन्दी मे रीलीज हुइ थी जिस के 1000 से भी ज्यादा एपिसोड्स बने थे। उस सिरीयल मे अजित की काफी महत्वपुर्ण भुमिका थी। राजश्री प्रोडक्शंस मे मैने प्यार किया के बाद हर फिल्मो मे अजित का एक महत्वपुर्ण रोल होता था। लेकिन लम्बी बिमारी के बाद उन का देहांत हो गया और अब राजश्री प्रोडक्शंस उन की जगह नये सितारे को ले आइ है जिस का नाम है ‘मनोज जोशी’ जो फिल्म ‘विवाह’ से राजश्री प्रोडक्शंस से जुड चुके है। 
 

4.       रीमा लागु : जन्म : 21 जुन 1958 बोम्बे, म्रुत्यु 18 मै 2017, आयु : 58 साल

रीमा का मुल नाम था नयन भडभागे। मराठी नाटको मे उन का नाम काफी मशहुर था। लेकिन जो फिल्मे उन को मिली सभी मे मा की भुमिकाये उन्होने की है। उस के अलावा टीवी सीरीयल ‘श्रीमान श्रीमती’ मे कोकिला कुलकर्णी की और ‘तु तु मै मै’ मे सुप्रिया पिलगावकर की सास देवकी वर्मा का रोल काफी यादगार रहा।

1979 मे मराठी फिल्म ‘सिहासन’ से उन्होने बडे पर्दे पर काम शुरु किया। उन की सब से पहली माता के रोल मे हिन्दी फिल्म थी 1987 की और आमिर खान की पहली फिल्म और जुही चावला की पहली हिट फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ जिस मे उन्होने जुही के माताजी का रोल किया।

1980 की फिल्म आक्रोश मे उन्होने डांस भी किया और ‘ये दिल्लगी’ जैसे फिल्मो मे एक अभिमानी बीजनेसवुमन का रोल भी निभाया।

17 मइ 2017 के दिन ‘नामकरण’ सीरीयल की शुटिंग के वक्त उन्होने चेस्ट पेइन हुवा और रात को कार्डियाक एटेक से उन की म्रुत्यु हो गइ।

रीमा लागू ने 10 साल तक ‘इ-आन्ध्रा’ बेंक मे बोम्बे मे 10 साल तक नौकरी भी की थी और वो बेंक आज ‘युनियन बेंक ओफ इंडिया’ से जानी जाती है।

रीमा लागु को तु तु मै मै के लिये एवार्ड भी मिला है।

5.      हिमानी शीवपुरी :जन्म: 24 ओक्टोबर 1960, हाल आयु : 62 साल

जन्म स्थल : देहरादुन, उत्तर प्रदेश पिता का नाम :हरीदत्त भट्ट जो ‘शैलेश’ के नाम से कविताये लिखते थे उन्होने हिन्दी सीखाइ थी हिमानी को।

मुल नाम :हिमानी भट्ट, शादी ग्यान शिवपुरी से होने के बाद उन का नाम हिमानी शिवपुरी बन गया। उन के पतिदेव का 1995 मे देहांत हो गया। ग्यान शिवपुरी कश्मीरी पंडित और एक्टर थे।

देहरादुन की ‘दून स्कुल’ मे हिमानी ने काफी नाटको मे काम किया और 1982 मे नेशनल स्कुल ओफ ड्रामा मे स्नातक पुर्ण किया। 1984 की ‘अब आयेगा मजा’ फिल्म से उस ने फिल्मी केरीयर की शुरुआत की। 1989 की एक टीवी फिल्म थी ‘इन वीच एनी गिव्स इट धोज वन्स’ जिस मे शाहरुख खान भी थे..उस के साथ काम किया। श्याम बेनेगल की क्लासिक फिल्म ‘सुरज का सातवा घोडा’ जैसे क्लासिक फिल्म भी उन्होने की है।

लेकिन हिमानी को सफलता मिली टीवी सीरीयल ‘हमराही’ के देवकी भोजाइ के रोल से।  उस से लेकर आज तक अनगिनत टीवी सिरीयल्स मे हिमानी आ चुकी है।

यशराज फिल्म्स, राजश्री प्रोडक्शंस और धर्मा प्रोडक्शंस (करन जोहर का) के साथ काफी फिल्मे हिमानी ने करी है।

हम आप के है कौन के पहले भाग मे बस आज इतना ही...अगले भाग मे बाते करेंगे मराठी मुलगी माधुरी दिक्षित के बारे मे...तब तक अल्विदा....।

 

# नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-21

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8 Comments

shweta soni

05-Sep-2022 04:12 PM

Wah bahot khub 👌

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PHOENIX

05-Sep-2022 07:18 PM

Thanks

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Wahh ..mm behtreen 👌🌸

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PHOENIX

05-Sep-2022 11:41 AM

Thanks

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Seema Priyadarshini sahay

04-Sep-2022 08:56 PM

आपकी समीक्षा दिल खुश कर देती है सर। इतनी गहराई से लिखा आपने।

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PHOENIX

04-Sep-2022 10:33 PM

Thank you so much

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