हिंदी दिवस प्रतियोगिता
कुछ याद करें उन विस्मृत लोगों को
जिन्होंने स्वयं को विस्मृत होना स्वीकार किया
तुलसी ने श्रीराम की जीवनगाथा को
घर घर में पूजित कर डाला
उनको समुचित सम्मान मिला
पर छूट गयी रत्नाबाला।
सिद्धार्थ चले और बुद्ध बने
दुनिया को नूतन दृष्टि मिली
पर यशोधरा और राहुल की
गाथाएं किसको पता चली।
आजाद चंद्रशेखर की माँ ने
जीवन भर अपमान सहे
पर रोई नहीं किसी के सम्मुख
न अपने दुख सन्ताप कहे।
ये भी तो हैं बलिदान
कभी क्या इनकी चर्चा होती है
ये धरती ऐसे बलिदानों
पे मूक सदा ही रोती है।
हिंदी दिवस हेतु
Abhinav ji
21-Sep-2022 07:51 AM
Nice
Reply
Anshumandwivedi426
21-Sep-2022 09:59 AM
धन्यवाद
Reply
Raziya bano
05-Sep-2022 08:24 PM
बहुत खूब
Reply
Anshumandwivedi426
05-Sep-2022 08:33 PM
सहृदय धन्यवाद
Reply
आँचल सोनी 'हिया'
05-Sep-2022 07:02 PM
Achha likha hai 💐
Reply
Anshumandwivedi426
05-Sep-2022 07:21 PM
Thanks so much
Reply