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लेखनी कहानी -05-Sep-2022 कहानी लेखन प्रतियोगिता

गुरुकुल में अंश


आज भी ज्ञाननगर में गुरु शिष्य परंपरा के अनुसार बच्चों की शिक्षा दिक्षा दी जाती है। वो भी बिल्कुल मुफ्त । बच्चों की पढ़ाई के दौरान उनके माता-पिता नहीं मिल सकते एक कठिन साधना है वहाँ।अंश के पढ़ाई के लिए उसकी माँ ने बहुत ही कठोर निर्णय लिया ।हम अंश को ज्ञाननगर के गुरुकुल में पढ़ने भेजेंगे। और सबके विरोध के बावजूद अंश के जाने की तैयारी कर दी।

  आश्रम में अनुशासन के साथ ही व्यावसायिक शिक्षा भी दी जाती है जिससे अब अंश को अपनी जीविका के बारे में चिंता नहीं करनी होगी। यही सोचते हुए अंश की माँ ट्रेन में अंश को रवाना करते हुए देर तक वहाँ खड़ी रही।एक आवाज से उसकी तंद्रा टूटी,

 तूने अपने मन की की ना अब ला जो भी पैसे बचा है मुझे दे मुझे काम है, उसके पति चंदन की आवाज थी वो।

अब वो सुकुन से साँस ले रही थी बहुत मुश्किल से पैसों का इंतजाम किया था उसने अंश को आश्रम भेजने के लिए। लेकिन चंदन से दूर रहकर अंश अब एक अच्छा इंसान बनेगा इस बात की निश्चिंतता उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी।


    स्वरचित एवं मौलिक रचना


           अनुराधा प्रियदर्शिनी

           प्रयागराज उत्तर प्रदेश


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12 Comments

Behtarin lekhan

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Sadhna mishra

07-Sep-2022 01:46 PM

Lajawab 👌

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Mithi . S

07-Sep-2022 12:31 PM

Very nice 👍

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