तुम्हें ढूंढा हैं
अब लिखने को हाथ कापते हैं,
रूह को छूकर शब्द आंसू बन जाते है,
तुम कलम ढूंढते हो,
मेरे शब्दों ने तुम्हें ढूंढा हैं,
तुमने कहानी के अंश जोड़े,
मेरी कविता ने तुम्हें खोजा है,
अंधियारे ने तुम्हें दीपक समझा है,
हाँ अब लिखने को हाथ कापते है,
shahil khan
20-Mar-2023 07:08 PM
nice
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Radhika
09-Mar-2023 01:09 PM
Nice
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Raziya bano
07-Sep-2022 11:04 AM
Lajwab
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