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लेखनी प्रतियोगिता -08-Sep-2022 दहेज

दहेज 




बेटी है अनमोल रत्न 

दहेज की आग में मत झोंको

बेटी में है शक्ति अपार

भविष्य को देती है आकार

बोझ ना मानो बेटी को

वो बन जाएगी मजबूत सहारा

दहेज के लोभी जो भी हैं

उनके घर ना बेटी को भेजो

शादी है एक पवित्र रिश्ता

दो आत्माओं का मिलन कराता

दहेज को ना बाधा बनाओ

कौन से ग्रंथ में लिखा गया है

बिन दहेज शादी ना होगी

जो बेटी का मान और सम्मान करे

उसके हाथ में बिटिया का हाथ देना

जो दहेज के भूखे होंगें

विपत्तियों से घिरे रहेंगे

ऐसे घर में शांति का न वास रहेगा

खुशियां उनसे दूर रहेंगी

प्रण कर लो मिलकर अभी

दहेज के दानव से दूर रहोगे

लालच और तृष्णा की लपटें 

तुमको जब भी दिख जाएं

ऐसे घर जलने लगते हैं

अपनी बिटिया को बचाना

ऐसे घर में कभी ना भेजना


स्वरचित एवं मौलिक रचना


    अनुराधा प्रियदर्शिनी

    प्रयागराज उत्तर प्रदेश



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9 Comments

Supriya Pathak

09-Sep-2022 07:04 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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Mahendra Bhatt

09-Sep-2022 06:59 PM

बहुत खूब

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Ajay Tiwari

09-Sep-2022 04:38 PM

Nice

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