हिंदी दिवस प्रतियोगिता
तुम आये
तुम आये जैसे हवाओं में ठंड आ जाये
तुम आये जैसे फूलों में रंग आ जाये।
तुम आये तो जैसे वीणा सी बजने लगी
तुम आये तो मेरी कुटिया ये सजने लगी।
तुम आये जैसे धीरे से वर्षा आये
तुम आये तो सारा जग जैसे हर्षाये।
तुम आये जैसे बच्चे को हंसी आती है
किसी साधु के लिए जैसे एकादशी आती है।
तुम आये तो नयनों में नीर भर आये
तुम आये जैसे मन तीर्थ कर आये।।
हिंदी दिवस प्रतियोगिता हेतु
Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Sep-2022 02:34 PM
Wahhh अद्भुत अद्भुत अद्भुत
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Alfia alima
13-Sep-2022 12:09 PM
Nice
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