लेखनी कहानी -06-Sep-2022... रिश्तों की बदलतीं तस्वीर..(6)
सुजाता के जाते ही रमादेवी के चेहरे पर आंसू की लकीर उबर आई...। लेकिन वो हमेशा की तरह शांत रहीं..। आज रमादेवी के मन में बहुत उथल पुथल चल रहीं थीं...। ना जाने क्या सोचते हुवे... वो अपने घुटनों पर हाथ रखते हुए... झूकी हुई कमर के साथ.. कमरे में रखीं अपनी अलमारी की तरफ़ गई और एक छोटा सा थैला निकाल कर उसमें अपने कपड़े डालने लगी..। कुछ तीन चार साड़ियां... एक दो नैपकिन और एक टावेल....। थैला पैक करके उसने उसे वापस अलमारी में ही रख दिया...। फिर अलमारी के नीचे वाली दराज़ में से उसने एक बहुत पुराना सा फोटो का एल्बम निकाला...।
उस एल्बम में सलोनी के पहले जन्मदिन की फोटोज़ थीं...।
रमादेवी एक एक फोटो पर हाथ फेरकर ऐसे देख रहीं थीं जैसे सब कुछ अभी भी जीवंत हो...। सलोनी के चेहरे पर उंगलियाँ फिराकर फिर उसे चुमना..। सुनील के मुस्कुराते चेहरे को देखकर उसके चेहरे पर भी मुस्कान उबर आती थीं..। पूरे परिवार की सामूहिक फोटो को रमादेवी ने एल्बम में से निकालकर अपने पैक किये हुवे थैलै में डाल दिया...।
वो अलमारी में एल्बम वापस रखकर अपनी चारपाई पर आकर बैठी और खिड़की पर रखें चाय के कप को उठाया... पर तब तक चाय ठंडी हो चुकी थीं...। उसने कुछ सोचकर चाय खिड़की से बाहर फेंक दी.. और कप वापस रख दिया..।
रमादेवी अभी भी समझ नहीं पा रहीं थीं की आखिर सुनील को किस बात से शर्म महसूस होतीं हैं...।
सोचते सोचते वो चारपाई पर लेट गई.. कुछ देर बाद उसे आंख लग गई....।
तकरीबन रात आठ बजे सुजाता खाना लेकर भीतर आई और देखा तो रमादेवी सो रहीं थीं...।
सुजाता ने रमादेवी को उठाया ही नहीं और खाना वापस लेकर वहाँ से चली गई...।
थोड़ी देर बाद ही सुनील भी घर पर आया...। कुछ देर बाद तीनों ने खाना खाया..। खाना खाकर सलोनी रमादेवी के पास जा रहीं थीं... जैसा वो हर रोज़ करतीं थीं.. तभी उसे सुजाता ने रोका... वो सो रहीं हैं सलोनी.. कल मिल लेना... अभी जाकर आराम करो... हमें कल निकलना भी हैं...।
सो गई.... लेकिन दादी इतना जल्दी तो कभी सोती नहीं... फिर आज....उनकी तबियत तो ठीक हैं ना मम्मा...।
हां... ठीक हैं... मैं खुद खाना देकर आई थीं तब बोला था की मैं सो रहीं हूँ अभी... उसके बाद मैं देखकर भी आई... वो सच में सो चुकी हैं..।
ओहह.... ठीक है मम्मा... कल मिल लुंगी... गुड नाईट पापा... गुडनाईट मम्मा...।
सलोनी अपने कमरे में चलीं गई...। लेकिन वो सोई नहीं थीं...। रात के करीब ग्यारह बारह बजे तक वो रवि से चैट कर रहीं थीं...। चैट करते करते ही सलोनी ने ये भी बात शेयर की कि वो कल शांपिंग के लिए शहर जा रहीं हैं...। अपनी मम्मा और विनी के साथ..।
इस पर रवि ने मिलने के लिए प्रोग्राम बनाने को कहा..। लेकिन सलोनी ने मना कर दिया..। क्योंकि उसे पता था मम्मा इस बात के लिए कभी तैयार नहीं होगी..। इसपर रवि ने उनको बिना बताये चुपके से कुछ पल मिलने के लिए जिद्द की..। जिसके लिए आखिर कार सलोनी ने हामी भर दी...।
कहानी का अगला भाग बेहद रोचक हैं... इंतज़ार करें..।
Pallavi
13-Sep-2022 06:25 PM
Beautiful
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Chirag chirag
13-Sep-2022 04:59 PM
Nice 👍
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shweta soni
13-Sep-2022 02:33 PM
बहुत अच्छी रचना 👌👏
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