भजन
वजन
बड़ा वजन तो तोंद बढ़ गई ,
बाहर का का का खाकर अड गई
लोगों ने मुझको रोका, टोका ,
वजन घटाने को भी बोला ।
समझ न तब कुछ मुझको आया ,
एक दिन मुझको ख्याल आया ।
चलो क्यों ना मॉर्निंग वॉक करें ,
खाना भी हम छोड़े बाहर का।
लाई नया में जोगिंग सूट ,
स्पोर्ट्स शूज भी ले आई।
सुबह सवेरे होते ही उठ गई,
पार्क तक भी दौड़ लगाई।
पतिदेव जी मुस्काए ,
मेरी प्यारी को अक्ल तो आई ।
रोज-रोज में सैर को जाती,
मिली वाक से शांति भारी।
दूर होने लगी बीमारी,
मोटापा भी घट गया।
पति बोले हाय मेरी राम प्यारी,
कमनीय,कोमल तुम सुकुमारी
हो गई तू तो 20 वर्षों वाली।।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
19.2022
Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Sep-2022 06:28 AM
Ha ha ha,,, बहुत ही खूबसूरत रचना,,, बढ़ा,,,, अड़,,, लाई मैं,,, में नहीं जी
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Suryansh
29-Sep-2022 06:28 AM
बहुत ही उम्दा लिखा है
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Swati chourasia
20-Sep-2022 01:20 PM
Very nice
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