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लेखनी प्रतियोगिता -12-Sep-2022 तेरा भाग्य लिखकर जाएगा

*तेरा भाग्य लिखकर जाएगा*

दिल के बिछौने पर, बिखरे हों कांटे हजार
कौन तेरे दिल में बैठना, कर लेगा स्वीकार

यदि औरों को सदा, दुख के कांटे चुभाएगा
रो रोकर हर सख्श, जीवन से चला जाएगा

इंसान भी ऐसे दिल में, आने को नहीं तैयार
वो क्यों आए फिर, जो चलाता सारा संसार

मंदिर में केवल तेरा, विनाशी तन ही जाता
मन तेरा संसार में, भटकता ही नजर आता

खाली कर दुनिया की, हर चाहत से ये दिल
ख्वाहिशों ने ही बढ़ाई है, जीवन में मुश्किल

क्यों बैठा है मन में, लाखों इच्छाएं पालकर
बिठा प्रभु को मन में, हर इच्छा निकालकर

तेरा अपना ही दिल, इस कदर तू साफ कर
रूठकर बैठा जिनसे, उनको पूरा माफ कर

कचरे समान विचारों से, खाली कर ये मन
हृदय में भर ले, प्रभु याद का अनमोल धन

तन को मंदिर समझ, खुद को उसकी मूरत
सीरत को सुधारकर, बदल भाग्य की सूरत

मन में सफाई है, तो ईश्वर भी उसमें आएगा
तेरा अपना भाग्य वो, खुद लिखकर जाएगा

*ॐ शांति*

*मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर*
*मोबाइल नम्बर 9460641092*

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10 Comments

Pratikhya Priyadarshini

13-Sep-2022 09:35 PM

Achha likha hai 💐🙏

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Waahhhh लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Ajay Tiwari

13-Sep-2022 08:58 AM

Nice

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