Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -12-Sep-2022 चेतना की धारा

शीर्षक- चेतना की धारा

इंसान में जब बहती चेतना की धारा,
मिलता उसे अपनी मंजिल का सहारा।

मन में मिलती उसको शांति की परिभाषा,
उठती उसके हृदय में एक अभिलाषा।

उसकी मंजिल उसकी दुनिया,
एकाग्र होकर बुनता अपनी चेतना ।

चेतना देती आवाज,
कर अपने सपनों को साकार।

चेतना ही सिखाती हमें व्यवहार,
जिससे बनता हमारा स्वभाव।

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

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9 Comments

Achha likha hai 💐

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Pratikhya Priyadarshini

13-Sep-2022 06:01 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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Palak chopra

13-Sep-2022 04:27 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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