क्षणिकाएं – २०

क्षणिकाएं – २०


(
)

ये चुभन तेरे मिलने का अहसास है
दर्द मैं हूं और दवा सिर्फ तेरे पास है।।

()

मेरे क़ातिल को ही मेरा मुंसिफ करदो
इश्क़ की रस्मों में एक और शामिल करलो।।

()

जबसे तुमने कहा है कल मिलेंगे
तब से हम वहीं खड़े है।।

(४)

इनहीं ख्वाहिशों के चलते जिंदगी बदल जायेगी
आज दिखती है अधूरी कल पूरी नजर आएगी
गौर से देखो वो खूबसूरत चांद आधा ही नजर आता है
पर उसका ये दूज का चेहरा सबको बहुत लुभाता है।

आभारनवीन पहल१३.०९.२०२२

# नॉन स्टॉप २०२२ 

 

 

 

   19
5 Comments

Achha likha hai 💐

Reply

उम्दा सृजन

Reply

Sachin dev

14-Sep-2022 07:18 PM

Nice 👍

Reply