Kavita Gautam

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तूफान

"तूफान"

कुछ तो वजहें होती होंगी
हर तूफान के आने की
होती होगी कोई तो हलचल
कुछ अरमान दबाने की
बिना वजह नहीं आता है
कोई भी तूफान कभी...

हद से बढ़ जाए उद्वेग जो
उठता है तूफान तभी
यूं हीं नहीं उमड़ता है
ह्रदय और नीरनिधि कोई
बिना वजह नहीं आता है
कोई भी तूफान कभी...

बढ़ जाए जब भार धरा पर
हो जाये जब दिशाहीन सब
खो जाये सब मानवता जब
तब आये तूफान कोई
बिना वजह नहीं आता है 
कोई भी तूफान कभी...

जब लाज शर्म सब खो जाये
दौलत ही सब कुछ हो जाये
जब स्वाभिमान कहीं खो जाये
जब चाटुकार सब हो जाएं
अभिमान भी हावी हो जाये
तब आए तूफान कोई...

कुछ तो वजहें होती होंगी
हर तूफान के आने की
बिना वजह नहीं आता है
कोई भी तूफान कभी...

कविता गौतम...✍️

#हिंदी दिवस प्रतियोगिता

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7 Comments

Wahhhh Wahhh Kya कहने जी आपकी रचना तो कमाल की है मजा आ गया

Reply

Kavita Gautam

21-Sep-2022 01:23 PM

सुंदर समीक्षाओं के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏

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Swati chourasia

20-Sep-2022 07:38 PM

बहुत खूब 👌

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