Kavita Gautam

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जीवन

"जीवन"

जीवन की पटरी पर
यूं भाग रहे हैं लम्हें !

कुछ पीछे छूट गए हैं
कुछ साथ में हैं अपने !

न जाने कहां जाना है
न जाने क्या पाना है ?

जीवन के इस सफर में
बस चलते ही जाना है !

यूं भाग रहा है जीवन
जैसे कोई प्रतिस्पर्धा है !

परिणाम तो इसका मगर
पहले से ही सबको पता है !

फिर भी ये मन नहीं माने
नहीं कहीं पे रुकना जाने !

अंतिम क्षण तक ये जीवन
बस चलते रहना चाहे
बस चलते रहना चाहे!!

कविता गौतम...✍️

#हिंदी दिवस प्रतियोगिता 

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8 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Kavita Gautam

21-Sep-2022 01:26 PM

सुंदर समीक्षाओं हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏

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Raziya bano

18-Sep-2022 08:20 AM

Nice

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