जीवन
"जीवन"
जीवन की पटरी पर
यूं भाग रहे हैं लम्हें !
कुछ पीछे छूट गए हैं
कुछ साथ में हैं अपने !
न जाने कहां जाना है
न जाने क्या पाना है ?
जीवन के इस सफर में
बस चलते ही जाना है !
यूं भाग रहा है जीवन
जैसे कोई प्रतिस्पर्धा है !
परिणाम तो इसका मगर
पहले से ही सबको पता है !
फिर भी ये मन नहीं माने
नहीं कहीं पे रुकना जाने !
अंतिम क्षण तक ये जीवन
बस चलते रहना चाहे
बस चलते रहना चाहे!!
कविता गौतम...✍️
#हिंदी दिवस प्रतियोगिता
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Sep-2022 06:48 PM
बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ
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Kavita Gautam
21-Sep-2022 01:26 PM
सुंदर समीक्षाओं हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
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Raziya bano
18-Sep-2022 08:20 AM
Nice
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