Sunita gupta

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लेखनी कहानी -18-Sep-2022

मेरी जिन्दगी में प्रभु आप आओ।
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मेरी जिन्दगी में प्रभु आप आओ।
नही चाहिए कुछ जरा मुस्कुराओ। 

तुम्ही जिन्दगी हो तुम्ही वन्दगी हो,
तुम्हारी हुई तुम्ही रिस्ता निभाओ। 

बिना अब तुम्हारे नही रहना चाहूं,
हुई  बावरी  अब गले से लगाओ। 

कन्हैया इसी जन्ममें तुमको पाना,
यही आरजू है  नही, आजमाओ। 

नही बनके राधा तड़पना मुझे है,
मुझे साथ रहना प्रभु मानजाओ। 

'सुनीता'को सुनना किसी न आती,
प्रभु बाँसुरी की मधुर ध्वनि सुनाओ। 

सुनीता गुप्ता कानपुर उत्तर प्रदेश

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2 Comments

Bahut khoob 🙏🌺

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Zakirhusain Abbas Chougule

18-Sep-2022 12:23 AM

Nice

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