लेखनी प्रतियोगिता -18-Sep-2022 बांस के खिले फूल



बांस के खिले फूल

बांस के पौधे को भाग्यशाली पौधा माना जाता है, और बांस के फूल को दुर्भाग्य का आगम। बांस का पौधा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे घर में अधिक आमदनी के साथ समृद्धि आती है। इसके अलावा यह पौधा ज्ञान का भी प्रतीक माना जाता है, जिससे आपके मन और आत्मा को शांति मिलती है। परन्तु इसके फूल का मतलब दुखद और जीवांत होता है

इसको 2,000 साल पहले से 1,721 तक, कई प्राचीन चीनी पुस्तकों में बांस के फूलने और फलने की घटनाओं को दर्ज किया गया है। हालांकि, इनमें से अधिकांश रिकॉर्ड मुख्य रूप से बांस के फल के पाक और औषधीय उपयोग पर केंद्रित हैं। 2,000 साल से भी पहले लिखी गई किताब शान है जिंग कहती है: “जब बाँस के फूल मुरझा जाते हैं। जिन राजवंश (317 से 420 तक) के दौरान दाई द्वारा लिखी गई पुस्तक झू पु में कहा गया है: "बांस फूलने और बोने के लिए 60 साल की जरूरत होती है और बांस 6 साल में बीज के माध्यम से पुन: उत्पन्न हो सकता है।"
अतः बांस के फूलों का खिलना जनजीवन के अस्त व्यस्त होने और जीवन के समापन की ओर ध्यान दिलाता है।

एक बार बांस में फूल आने से किसानों के चेहरे मुरझा जाते  हैं। किसानों का मानना है कि जिस साल बांस में फूल आते हैं, उस साल सूखा और अकाल पड़ता है। फूल यूं तो सभी को भाते हैं, लेकिन बांस के फूल किसानों को कतई रास नहीं आते। किसानों ने बताया कि बारिश और आंधी में गेहूं आदि की फसल पहले ही नष्ट हो चुकी है। अब बांस पर फूल आना इस बात का संकेत हैं कि आगे बारिश नहीं होगी। इससे धान की फसल नहीं होगी। ऐसे में किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।

किसान बांसों में फूल आना अनिष्टकारी मानते हैं, तो इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि बांस के फूल खिलने के बाद इसमें बीज बनता है, जो पक कर जमीन पर गिरता है। बांस के बीजों को चूहे काफी पसंद करते हैं,और बांस के पास भारी संख्या में चूहे एकत्र हो जाते हैं। फूल खाने से उनकी प्रजनन शक्ति काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा फूल खाने वाले चूहों का व्यवहार भी आक्रामक हो जाता है। जब बीज समाप्त हो जाता है,तो  यह चूहे खेतों में खड़ी फसल, घरों में रखे अनाज को कुतर डालते हैं।

बांस में फूल लगभग 48 वर्ष में एक बार आता है। फूल आने के बाद बांस सूखने लगता है और फिर यह सिर्फ जलाने के काम का रह जाता है। कृषि वैज्ञानिक राजेश कुमार कहते हैं कि प्रकृति से खिलवाड़ के चलते ग्लोबल वार्मिंग हो रही है और इसी वजह से मौसम में असंतुलन आ रहा है। बांस के फूल को सूखे से जोड़कर देखना गलत नहीं है। बांस के फूलने से उस साल चूहे खूब होते हैं और चूहे ज्यादा होंगे तो तबाही और नुकसान होगा ही।

यूं तो हम फूलों को बहुत ही शुभ मानते हैं। फूल आना एक नई शुरुआत का द्योतक होता है,परंतु बांस के फूल के लिए बिल्कुल ही कथन उल्टा है। बांस में जब फूल आता है,तो वह जीवन की अंततः को दिखाता है।  बांस का फूल देखते ही सभी लोग परेशान हो जाते हैं, और उन्हें जीवन में आने वाली  परेशानियों का आभास हो जाता है। 

वारिश का न होना, फसल का नष्ट होना,अगली पैदावार न होना और जीवन में अमिट संघर्षों का आना, बीमारी विपदा आना। चारों तरफ से कष्टों का आभास होने लगता है। इन भयंकर आपदाओं के आभास से इंसान परेशान हो जाता है टूट जाता है क्योंकि बांस के फूल देखने के बाद लोगों को जीवन का अंत दिखाई देने लगता है, जो कि पूर्णत: सत्य है।

खिले बांस का फूल जो समझो जीवन का अंत,
नियत समय कोई नहीं, जब खिले समझ लो अंत।

अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी'
 लखनऊ उत्तर प्रदेश।
 स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
 @सर्वाधिकार सुरक्षित।

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11 Comments

Achha likha hai 💐

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shweta soni

20-Sep-2022 12:37 AM

Nice post

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Kaushalya Rani

19-Sep-2022 06:33 PM

Beautiful

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