यादें
"यादें"
हां ये यादें क्यूं इतना
याद आती हैं
हां ये यादें क्यूं इतना
याद आती हैं...
कभी हंसा जाती हैं
कभी रुला जाती हैं
अपने निशां अक्सर
ये दिल में छोड़ जाती हैं...
हां ये यादें क्यूं इतना
याद आती हैं.....?
बीते हुए पलों को
महसूस ये कराती हैं
होकर भी अतीत
वर्तमान ये बन जाती हैं...
मोह के धागे से ये
हमको जोड़ जाती हैं
बीती बातों को ये
फिर से दोहराती हैं...
हां ये यादें क्यूं इतना
याद आती हैं......?
इक पल में हमको ये
कहां कहां ले जाती हैं
आंसू बनके कभी कभी
ये आंखों से बह जाती हैं
बन के कभी मुस्कान
ये होठों पर खिल जाती हैं
सच ये यादें अनमोल
बड़ी होती हैं...
हां ये यादें क्यूं इतना
याद आती हैं.......?
कभी हंसा जाती हैं
कभी रुला जाती हैं
अपने निंशा अक्सर
ये दिल में छोड़ जाती हैं
हां ये यादें क्यूं इतना
याद आती हैं
हां ये यादें क्यूं इतना
याद आती हैं.......?
कविता गौतम...✍️
#हिंदी दिवस प्रतियोगिता
Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Sep-2022 06:51 PM
बहुत ही सुंदर सृजन
Reply
Kavita Gautam
21-Sep-2022 01:27 PM
सुंदर समीक्षाओं हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
Reply
Swati chourasia
20-Sep-2022 07:36 PM
बहुत खूब 👌
Reply