लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग भाग 5, भाग-6 भाग 7 रक्षा का भारत आना ८भाग २१भ
32-- मौत को जीत श्रेया चली घर-
इधर अस्पताल में डॉक्टर साहब ने सवेरे आ कर श्रेया को चेक किया। चेक करने के बाद श्रवन को बताया। अभी ऐसे तो सब नॉर्मल है लेकिन फिर भी, क्योंकि इसकी इतनी हालत खराब हो चुकी थी। इसलिए देखभाल ज्यादा करनी पड़ेगी। थोड़ी सी लापरवाही श्रेया के लिए भारी परेशानी का सबब बन सकती है,बहुत ध्यान रखने की जरूरत पड़ेगी। आप हां कहें ...तभी हम श्रेया को घर जाने की इजाजत दे सकते हैं। श्रवन ने कहा- ठीक है मैं बात करता हूं, फिर आपको बताता हूं। डॉक्टर साहब ने कहा ठीक है, श्रेया डॉक्टर साहब की सभी बातें सुन रही थी, और मन ही मन सोच रही थी कि हे भगवान! मुझे कब घर जाने को मिलेगा। कितने दिन हो गए हैं, मैं यहां अस्पताल के बेड पर पड़ी हूं, मां जी मेरी सेवा कर रही हैं, श्रवन भी परेशान है कितना मैं बेड पर पड़ी रही हूं,मुझे बड़ों की सेवा करनी चाहिए। परंतु मैं खुद मां जी से अपनी से सेवा करवा रही हूं। हे भगवान! जल्दी से वह सुखद बेला आए। कि मुझे घर जाने को मिलेगा। डॉक्टर के जाने के बाद श्रवन मां के पास गया उसने मां को सारी बात बताई और कहा- आप क्या कहती हैं, बताइए.। श्रवन ने कहा चलो श्रेया से बात करते हैं।मां श्रेया के पास कमरे में आई और उसने पूछा कि वह क्या चाहती है, श्रेया जिद पर अड़ गयी मां जी मुझे घर चलना है। मैं बहुत बोर हो चुकी हूं यहां पड़े पड़े,मुझे यहां नहीं रहना है मुझे घर ले चलिए। मुझे घर चलना है।
बीमारी में श्रेया बहुत चिड़चिड़ी हो चुकी थी, शरीर से भी बहुत कमजोर हो चुकी थी और अस्पताल में रहकर बहुत ही ज्यादा जिद्दी हो गई थी। अब उसे अस्पताल में नहीं रहना है। इसलिए जिद कर रही है, कि मुझे घर जाना है, श्रवन ने कहा धैर्रय रखो। हम डॉक्टर से बात करते हैं, कि क्या करना है। श्रवन डॉक्टर से बात करने उसके रुम में जाता है, वहां बैठकर काफी देर श्रेया के केस पर डॉक्टर और श्रवन के बीच वार्तालाप होता है। डॉक्टर कहता है कि श्रेया की स्थिति बहुत नाजुक है,हम घर जाने की परमिशन दे दे रहे हैं, लेकिन घर पर उसकी देखभाल पूरी तौर से करनी होगी। कोई भी लापरवाही नहीं करनी होगी। लापरवाही श्रेया के जीवन के लिए बहुत भारी पड़ सकती है। श्रवण ने कहा- डॉक्टर साहब आप निश्चिंत रहें। श्रेया के साथ हम सब ने भी बहुत कषट सहे हैं, जिंदगी मौत का संघर्ष देखा है। हमें पता है कि श्रेया की बहुत अधिक देखभाल करनी होगी। डॉक्टर ने कहा-जी हां बहुत ज्यादा ही करनी होगी, जी हम घर पर उसका पूरा ध्यान रखेंगे। हम आपसे वादा करते हैं, कि हम श्रेया का पूरा पूरा ध्यान रखेंगे,और कोई भी परेशानी होने पर तुरंत आपके पास लेकर आएंगे। हमें श्रेया की बहुत चिंता है, आखिर वह हमारे जीवन का अंग है- मेरी अर्धांगिनी।
श्रवन ने कहा- ठीक है हम पूरी केयर करेंगे और आप के संपर्क में रहेंगे, कभी जरूरत पड़ेगी या आप कहेंगे तो हम श्रेया को लेकर आपके पास तुरंत हाजिर होंगे। बहुत दिन अस्पताल में पड़े हो गया है,इसलिए हम सब भी बहुत परेशान हो चुके हैं।और श्रेया भी बहुत परेशान हो चुकी है, तो आप हमें घर जाने की आज्ञा दे दे। जब भी आप कहेंगे तब हम रूटीन चेकअप के लिए आते रहेंगे। डॉक्टर भी श्रवन की बात से सहमत हो गया और उन्होंने श्रेया को अब अस्पताल से छुट्टी देने का आदेश दे दिया। छुट्टी करने से पहले उन्होंने से एक रुटीन चेकअप करने के लिए कहा- श्रवन उस के लिए तैयार हो गया।
अस्पताल से छुट्टी की खबर जब श्रेया तक पहुंची तो श्रेया बहुत खुश हो गई,और घर जाने की सपने देखने लगी। श्रवन ने बताया- कि घर जाने से पहले अभी तुम्हारा पूरा एक बार फिर से चेकअप होगा।उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही तुम्हें घर जाने की का मौका मिलेगा। इधर श्रवन ने मां को बताया कि श्रेया की अस्पताल से छुट्टी हो रही है, तो मां भी बहुत खुश हुई । श्रवन ने मां से कहा-कि आप सारा सामान पैक कर लीजिए। अभी श्रेया का एक चेकअप और होगा। उस चेकअप के बाद हम लोग को घर जाने का आदेश मिल जाएगा। यह खबर सुनकर श्रेया इतनी खुश हुई कि उसमें श्रवन से कहा- कि वह उसकी मां को फोन लगा दे। श्रवन ने श्रेया की मां को फोन लगा कर श्रेया को दे दिया। श्रेया ने अपनी मां से बात की। श्रेवा की आवाज में खुशी झलक रही थी। उसकी मां को समझते देर न लगी, कि श्रेया अस्पताल से घर जाने वाली है । मां भी यह बात सुनकर बहुत खुश हुई और उसने कहा- कि तुम्हें घर जाकर बहुत ध्यान रखने की जरूरत है, घर जाकर तुम्हें पूरी देखभाल करनी होगी। घर जाकर तुम्हें अपनी और अपनी बच्ची दोनों की देखभाल के लिए तत्पर रहना होगा। हम नहीं चाहते कि फिर से कोई परेशानी आए। श्रेया ने अपनी मां से बात करके अपने को बड़ा हल्का महसूस किया। फिर मां ने कहा- ठीक है तुम घर पहुंच जाओगी, तब हम तुमसे मिलने आएंगे। श्रेया ने मां से आने को कहा। मां को नमस्कार कहकर फोन रख दिया। इतने में नर्स ने आकर श्रेया को चेकअप के लिए बुलाया। तो श्रवन ने श्रेया को डॉक्टर के रूम में ले जाकर पहुंचाया। नर्स की सहायता से श्रेया को स्ट्रेचर पर लिटाया गया। उसके बाद डॉक्टर ने श्रवण को अंदर बुलाया, और श्रवन के सामने ही डॉक्टर साहब ने श्रेया का चेकअप किया। डॉक्टर ने कहा- बाकी सब ठीक है, पर पेट के टांके कटवाने के लिए श्रेया को फिर से लाना होगा। आज मैं कुछ दवाइयां लिख देता हूं वह इनको टाइम से देते रहना। इसके अलावा की चीजें नर्स समझा देगी। उन्हें ध्यान पूर्वक समझ लेना और जैसे नर्स ने बताया है, वैसे ही इसकी देखभाल करना। श्रवन ने डॉक्टर की बातें समझ ली और दवा का पर्चा भी ले लिया। उसके बाद श्रवन नर्स के पास गया और वहां जाकर उसने नर्स से सारी बातें समझ ली। श्रेया की देखभाल कैसे करनी है। श्रवन ने मां से कहा-
shweta soni
20-Sep-2022 12:36 AM
Very nice 👍
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Priyanka Rani
19-Sep-2022 08:45 PM
Nice post 👍 aspatal se chutti mil gai
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Kaushalya Rani
19-Sep-2022 06:32 PM
Very nice
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