Kavita Gautam

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मिलन

"मिलन"

रात और दिन क्या मिलते हैं कभी
ये चांद और सूरज क्या मिलते हैं कभी
ये धरती और ये आसमां क्या मिलते हैं कभी...?

जब प्रकृति खुद दे रही संदेश है
कि सिर्फ मिलना ही न कोई उद्देश्य है
उद्देश्य तो वो है जो बदल सके सोच को
जो बदल सके समाज को...?

गर न मिलकर भी कोई
पा सकता है इतनी उच्चता
तो मिलना कब जरूरी है
तो मिलना क्यों जरूरी है...?

न मिलने से ही पवित्रता का
एक खूबसूरत एहसास होता है
कोई मिले न मिले मगर
एक उद्देश्य तो पूरा होता है...?

जो धरती से आसमां के रिश्ते की
पावनता को बयां करता  है
इसीलिए शायद न मिलना भी
जरूरी होता है
जरूरी होता है...।।

कविता गौतम...✍️

#हिंदी दिवस प्रतियोगिता 

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9 Comments

Kavita Gautam

21-Sep-2022 01:33 PM

सुंदर समीक्षाओं हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏

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Swati chourasia

20-Sep-2022 07:33 PM

बहुत खूब

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Achha likha hai 💐

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