Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -06-Sep-2022... रिश्तों की बदलतीं तस्वीर..(12)

कहते हैं गलत करने पर हमेशा हमें कुछ ओर ज्यादा गलत होने का भय हमेशा लगा रहता हैं....। 
पुलिस को इत्तेला ना करके कहीं ना कहीं सुनील ने गलत तो किया था....।
 दरवाजे खटकने की आवाज पर उसके भीतर डर बैठ गया की अवश्य ही सलोनी होगी.. और अब उसके सामने सारी सच्चाई आ जाएगी..। 

डरते हुवे ही सही सुनील ने हिम्मत की ओर दरवाजा खोला तो सामने विनी को देखकर हैरान हो गया... । 
विनी बिना कुछ बोले भीतर कमरे की ओर आ गई.....और भीतर  आतें ही उसने सुनील से कहा :- दरवाजा बंद किजिए अंकल...। 

विनी.... तु.. तुम....! 

हाँ आंटी... शुक्र मनाइये मैं हूँ.. सलोनी नहीं...। वरना जो कुछ आज मुझे पता चला हैं.... अगर वो उसे पता चल जाता तो वो खुद ही ये रिश्ता तोड़ चुकी होतीं...।वो अपनी दादी के ऐसे गायब होने पर चुप्पी साध कर कभी नहीं बैठती..। 

विनी.... अब अगर तु सब जान ही गई हैं तो कोई रास्ता भी बता दे...। 

मैं.... मैं क्या रास्ता बता सकतीं हूँ अंकल.... मैं तो यहीं कहूंगी आप पुलिस की मदद लिजिए ओर दादी की खोज शुरू किजिए...। 

विनी.... बेटा मैने भी वही कहा था पर सच तो ये हैं की ये खुद अपनी माँ को वापस लाना ही नहीं चाहते...। 

हां.. हां... नहीं चाहता... नहीं चाहता वो वापस आए... कभी नहीं चाहता...। क्योंकि मैं उससे पीछा छुड़ाना चाहता था...। वो नहीं जाती तो मैं खुद उसे छोड़ आता..। इसके अलावा कुछ बोलोगे तुम दोनों...। मैं पुलिस को नहीं बताऊंगा... ।
तुम समझ क्यूँ नहीं रहीं हो... इससे समाज में हमारी सच्चाई पता चल जाएगा की हमने झूठ बोलकर उनको कमरे में बंद रखा था... इन सब की वजह से परी का रिश्ता भी टूट सकता हैं....। 
विनी तुम बस मेरी एक मदद कर दो....। कल सवेरे परी के उठते ही उसे पूरा दिन अपने साथ व्यस्त रख दो.... और कुछ ऐसा करो की उसका फोन भी काम ना करे... सिर्फ कल का दिन...। 
उसके बदले तुम जो कहोगी मैं करुंगा..। ये मेरा वादा हैं तुमसे..। 


ठीक हैं अंकल... हो जाएगा... लेकिन आप अपना वादा याद रखना...। वक्त आने पर मांगूंगी...। (विनी मुस्कुराते हुवे) 


पक्का वादा रहा विनी...। 


ठीक हैं अंकल मैं... संभाल लूंगी... आप टेंशन मत लिजीए..। 


ऐसा कहकर विनी वहाँ से चलीं गई..। उसके जातें ही सुजाता ने कहा :- ऐसा क्या कर लेंगे आप.. कल के दिन में... मुझे कुछ बताएंगे..! 

कुछ नहीं... बस वो ही जो उस खत में लिखा हैं..। कल के दिन में सलोनी को ये विश्वास दिलाना हैं की उसकी दादी अपनी मर्जी से हसमुख के पास चलीं गई हैं... हमेशा हमेशा के लिए...और ये विश्वास दिलाने के लिए एक ऐसा ही खत... उन्ही की राइटिंग में सलोनी के लिए लिखना हैं बस..। 

लेकिन आप ऐसा कर क्यूँ रहे हैं...! क्या आपको सच में अपनी माँ की बिल्कुल फिक्र नही..! 

नहीं... बिल्कुल नहीं...। 

लेकिन क्यूँ... अब तो बता दिजिए... मैं हर बार आपसे पूछती हूँ... आप कहते हैं वक्त आने पर पता चल जाएगा..। अब तो वो यहाँ रहीं ही नहीं... अब तो बता दिजिए.. आखिर आप उनसे इतनी दूरी क्यूँ बना कर रखते थे..। जबसे आपके पिताजी की मृत्यु हुई हैं... तबसे मैने देखा हैं... आप उनसे बहुत दूर हो रहें थे..। फिर आपके कहने पर मैने उनको कमरे में बंद कर दिया..। फिर सभी लोगों को ये विश्वास दिलाया की उनको बिमारी हैं..। आखिर बात क्या हैं....! कौनसा बेटा ऐसा करता हैं अपनी माँ के साथ...!आज भी आपके चेहरे पर थोड़ी भी शिकन नहीं हैं...।आखिर क्यूँ...!!! 



क्या बात थीं जिसकी वजह से सुनील ने अपनी माँ से इतनी दूरी बना ली थीं..? 

जानते हैं अगले भाग में...। 





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9 Comments

Bahut khoob 🙏🌺

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shweta soni

20-Sep-2022 12:35 AM

Very nice 👍

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Priyanka Rani

19-Sep-2022 08:42 PM

Beautiful

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