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लेखनी प्रतियोगिता -19-Sep-2022 काव्य प्रतियोगिता दोस्त कुंदन बन जाता है

दोस्त कुंदन बन जाता है


दोस्त दिल में रहता है बिना शर्तों के आता है।

खुशी हो या गम के पल हमेशा साथ रहता है।

हमारे हर कदम पर साथ-साथ चलता जाता।

हमारी मुस्कुराहट में भी आँसू खोज  लेता है।।


दोस्ती ही वो रिश्ता जिसमें कोई बंधन नहीं है।

खून का नाता नहीं उससे बढ़कर दोस्त होता है।

दोस्त ही है वो जिसको  हम  खुद से ही चुनते ।

दोस्त के लिए दोस्त ही तो सबकुछ लुटाता है।।


दोस्त के लिए तो जान भी कुर्बान कर देते  हैं।

अपनी दोस्ती की मिसाल कायम कर जाते हैं।

कृष्ण और सुदामा की दोस्ती आज भी मिसाल।

दोस्ती में कभी दगाबाजी नहीं किया करते हैं।


दोस्ती में कभीं गरीबी और अमीरी नहीं होती है।

दोस्त का दिल खरे  सोने  सा चमकता रहता है।

इसकी चमक को तुम कभी  कम  न  होने देना।

वक्त की आग में तपा दोस्त कुंदन बन जाता है।।



     स्वरचित एवं मौलिक रचना


           अनुराधा प्रियदर्शिनी

           प्रयागराज उत्तर प्रदेश

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7 Comments

Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 12:49 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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Swati chourasia

20-Sep-2022 01:15 PM

Very beautiful 👌

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Abhinav ji

20-Sep-2022 08:53 AM

Very nice👍

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