Reema Thakur

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Reema

दुल्हन 
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कल की बाते,अब सुहानी  हो गई"""
कल की दुल्हन ,अब पुरानी हो गई"

कल के जो हाथ मेहँदी से रचे""""
काम के बोझ से ,हथेली गुलाबी हो गई""

लाज का घूघट वो ओढे ,शर्म से नजरे झुकी"""
प्यार कर लिया ,ये कैसी नादाँनी हो गई"""

कुल की मर्यादा वो भूली ,कैसा वो लगाव था।
प्रियतम की आँखो मे खोई,वो कहानी हो गई"""

आज भी रोती है छुपकर ,दर्द भी बेहिसाब है""
किसको वो कैसे बताये ,अधूरी कहानी हो गई"""

नीर आँखो मे भरा,लरजते अब ओठ है""
कल की वो अबोध बाला अब सयानी हो गई"""

फिर से वो मुस्कुरायेगी कल का वो संकल्प ले"""
फिर रास्ता ढूँढ लेगी"वो निशानी हो गई""

🙏🏼✍️🏻रीमा महेन्द्र ठाकुर (लेखिका)   
  रानापुर -झाबुआ -मध्यप्रदेश"
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼✍️🏻✍️🏻✍️🏻✍️🏻

Reema

सुहागन
*****
आओ कर लू फिर आज ,श्रँगार का सृजन "
माँग भर लूँ, तुम्हे देखकर "और सुहागन हो जाऊँ।

अपना लू फिर से मै रिति रिवाजो को"
दिल से अपना लूँ,तुम्हे "फिर तेरी दुल्हन हो जाऊँ।।

माना की इन साॅसो का कोई मोल नही"
तब तक तेरी हूँ "जब तक चिरनिद्रा,मे न सो, जाऊँ।

हजार कस्मे ,वादे निभाये है ,मगर""
कुछ "और पाने की 'ललक मे न खो "जाऊँ।।

मन की देहरी पर जलाती हूँ"तेरी चाहत का दिया "
हवाऐ तेज है "आओ साथ निभा दो. कही न डर जाऊँ!

चाहे जाताओ न मुझे"कुछ फर्क नही पडता"                 मेरी" दुआओ से घर , रोशन रहे ,तेरे लिऐ,मै गुजर   जाऊँ  ।।        

✍️🏻✍️🏻✍️🏻✍️🏻

🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼रीमा महेन्द्र ठाकुर "
                              (   लेखिका )
                  रानापुर, झाबुआ ,मध्यप्रदेश

Reema

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9 Comments

Miss Lipsa

01-Sep-2021 10:24 AM

Bohot acha likhe hai sir aap isse kavita pr v dal skte the bohot acha

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Sonali negi

03-Jun-2021 03:59 PM

Nice

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Diksha Srivastava

01-Mar-2021 11:21 PM

nice

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