Sunita gupta

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हिंदी दिवस

प्यारी - प्यारी  हिन्दी लागे ,
माथे जैसे बिंदी लागे ,
हिंदी मेरी मातृ भाषा ,
*सबको बताइए ।*

सबसे है न्यारी - न्यारी ,
राष्ट्र भाषा ये हमारी ,
मन के भावों से सजी ,
*हिंदी अपनाइए ।*

मेरा अभिमान हिंदी ,
मेरा स्वाभिमान हिंदी ,
हिंदी मेरी अभिलाषा ,
*सबको बताइए ।*

पढ़ना है पढ़ाना है ,
सबको भी  सिखाना है ,
सपने साकार करें,
*गर्व ये मनाइए ।*

कविता
सुनीता गुप्ता कानपुर

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4 Comments

Wahhh बहुत ही खूबसूरत रचना

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Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 12:17 PM

Achha likha hai 💐

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Reena yadav

20-Sep-2022 05:05 PM

👍👍

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