हिंदी दिवस
प्यारी - प्यारी हिन्दी लागे ,
माथे जैसे बिंदी लागे ,
हिंदी मेरी मातृ भाषा ,
*सबको बताइए ।*
सबसे है न्यारी - न्यारी ,
राष्ट्र भाषा ये हमारी ,
मन के भावों से सजी ,
*हिंदी अपनाइए ।*
मेरा अभिमान हिंदी ,
मेरा स्वाभिमान हिंदी ,
हिंदी मेरी अभिलाषा ,
*सबको बताइए ।*
पढ़ना है पढ़ाना है ,
सबको भी सिखाना है ,
सपने साकार करें,
*गर्व ये मनाइए ।*
कविता
सुनीता गुप्ता कानपुर
Shashank मणि Yadava 'सनम'
30-Sep-2022 11:28 AM
Wahhh बहुत ही खूबसूरत रचना
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Pratikhya Priyadarshini
22-Sep-2022 12:17 PM
Achha likha hai 💐
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Reena yadav
20-Sep-2022 05:05 PM
👍👍
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