Kavita Gautam

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एहसास

"एहसास"

गर न होते एहसास तो

कितना खाली होता मन


कोरे कोरे से कागज पर

शब्दों को कैसे पिरोता मन


बिन एहसासों के सोचो
कैसा होता ये जीवन


जब रिक्त रिक्त सा होता
अपना ये अंतर्मन


बिल्कुल वैसा ही होता मन
जैसे बंजर भूमि पर जीवन!!

कविता गौतम...✍️

#हिंदी दिवस प्रतियोगिता।






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8 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 11:14 AM

Bahut khoob 🙏🌺

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Kavita Gautam

21-Sep-2022 01:20 PM

सुंदर समीक्षाओं हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏

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