समझ
समझते समझते मुझको,
यह बात समझ आई है।
जीवन तो हरदम देखो,
सुख दुख की परछाई है।
समझ आने के बाद देखो,
जो आया है सो जाएगा।
यही सोच बस मैंने देखो,
मुस्कुराने की वजह पाई है।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
20.9.2022
Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Sep-2022 06:39 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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Suryansh
29-Sep-2022 06:39 AM
बेहतरीन रचना,,,
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आँचल सोनी 'हिया'
20-Sep-2022 09:30 PM
Achha likha hai
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