आज का इंसान
हिंदी दिवस प्रतियोगिता आज का इंसान है सिर्फ श्री मान ,
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न रहा उसके पास आत्म ज्ञान ।
रफ्तार है तेज न देखा पीछे
क्या है भूला न आया है ध्यान
आगे यही है हाल हम है श्रीमान
पैसा गवाया खाके थूका है पान
थोड़ा सब्र नही उनको
सबने मिलकर कर दी खीचातान
ये मेरा बो मेरा सारा जहां मेरा
ये करते करते दे गया मानव अपनी जान,फिर भी होश नही करते है हम है श्रीमान ।आज का इंसान है सिर्फ श्रीमान ।भाई चारा खो दिया सबने ।फिर भी नही आया ध्यान ।
आगे ही आगे भागता रहा इंसान ।
होश मे था बो पीछे छोड़ा आया सम्मान ।आज का इंसान है श्रीमान
न रहा उसके पास आत्मज्ञान
सुनीता गुप्ता कानपुर उत्तर प्रदेश ।
fiza Tanvi
21-Sep-2022 11:08 AM
Good
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नंदिता राय
20-Sep-2022 09:32 PM
बहुत ही सुन्दर
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आँचल सोनी 'हिया'
20-Sep-2022 09:14 PM
Achha likha hai 💐
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