पिता
हिंदी दिवस प्रतियोगिता no 16 पिता
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जो औलाद के लिये कुछ भी कर जाता है।
जिन्दा रह कर जो मर जाता है,
वो पिता है,
खुद हर दुःख उठाकर बच्चों को सब सुख देता है,
हो कितना भी परेशान मग़र आभास तक नही देता है,
वो पिता है,
शख़्त नज़र आता है पर शख़्त नही होता है,
अपना दुःख जो कभी बच्चों पर नही रोता है,
वो पिता है,
कितने भी बिपरीत हो हालत जो हिम्मत न हारे,
जो औलाद के लिये अपना सर्वस्व हारे,
वो पिता है,
वक़्त पड़ने पर वो औलाद के लिये अड़ सकता है,
बच्चों की खातिर जो इश्वर से भी लड़ सकता है,
वो पिता है,
सब कुछ देकर अपना जो कुछ नही माँगता,
जो बच्चों की खुशी से बढ़कर कुछ नही मानता,
वो पिता है,
सुनीता गुप्ता कानपुर
fiza Tanvi
21-Sep-2022 11:07 AM
Good
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आँचल सोनी 'हिया'
20-Sep-2022 09:13 PM
Achha likha hai 💐
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Reena yadav
20-Sep-2022 08:32 PM
👍👍
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