मुखौटा
यह दुनिया है खूबसूरत ,
अच्छे लोगों से भरी दुनिया।
चालबाजो की कमी कहांँ पड़ी,
तेरे मुंह पर तेरी सी मेरे मुंँह पर मेरे सी।
जान कर दूसरे की परेशानी ,
मतलब बदला बात का बस यूं ही खड़ी ।
मुखोट पर मुखोटे लगा लेते हैं लोग ,
बनावटी बातें कर अपना बना लेते हैं लोग।
फिर खंजर मार भाग जाते हैं लोग,
चालबाजो की कमी कहांँ?
मतलब निकाल छोड़ जाते हैं लोग।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
20.9.2022
Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Sep-2022 06:44 AM
चालबाजों,,, होगा जी
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Suryansh
29-Sep-2022 06:43 AM
लाजवाब लाजवाब
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Gunjan Kamal
22-Sep-2022 02:45 PM
बहुत खूब
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