Sunita gupta

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आंखों मे बाढ

#आखों में बाढ़ 🙏😥

किसी का सिसक सिसक का रो पड़ना
तुम उसकी कमज़ोरी ना कहना
ये उसके साहस का ही प्रतीक हैं 
की वो रोने का साहस तो दिखा सका
कह सका अपने दिल के जज़्बात 
बहा सका उन्हें आसूयों के साथ

और ये हद है उसकी सहनशक्ति की
उसने खुद को बहुत रोका,टोका होगा
पर बाढ़ बन आखें बरस ही पड़ी 
मत हंसना उसके आसूयों पर
हो सके तो सुनकर मरहम लगाना
उसे सीने से लगा हल्का कर देना

अपनी लड़ाई उसे खुद ही लड़नी होगी
पर भर देना उसमें तुम ताकत
हौसलों का बूस्टर पिला देना

उसके राह के कांटे हटा देना

वो फ़िर मुस्कुरा सके,खिलखिला सके
किसी के चेहरे पर हंसी तुम ले आए
इससे जरूरी कोई काम नहीं होता
हां बेशक इससे कोई नाम नहीं होता 

से

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5 Comments

Swati chourasia

23-Sep-2022 03:29 PM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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Bahut khoob 🙏🌺

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Abhinav ji

23-Sep-2022 08:04 AM

Very nice👍

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