Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -06-Sep-2022... रिश्तों की बदलतीं तस्वीर..(17)

(कहानी की जरूरत को समझते हुवे कुछ शब्द आपत्तिजनक हो सकतें हैं...कृपया पाठक विवेक से काम ले...) 

कमरे में जाते ही कुछ देर की साधारण बातचीत के बाद रवि ने नाश्ता मंगवाया...। तीनों ने नाश्ता किया...। कुछ देर बाद विनी ने कहा :- ओके डियर...अभी तुम यहाँ बैठकर बातें करो तब तक मैं मार्केट होकर आतीं हूँ...। 

मार्केट... लेकिन अचानक... वहाँ...।( सलोनी घबराते हुवे बोलीं) 

हाँ यार...अब तुम दोनों के बीच कबाब में हड्डी बनने से अच्छा हैं... मैं कुछ देर शापिंग ही कर आऊँ..। 

लेकिन तुने तो कहा था... तु.. तु... यहाँ साथ में... 

अरे जाने दो उसे... घबराओ मत... मैं तुम्हें खा नहीं जाऊंगा..। 

वो... वो.. बात नहीं हैं... पर... पर... मैं.. तु... ऐसे... 

अरे यार...इतना क्यूँ घबरा रहीं हैं...। मैं थोड़ी देर में आ जाऊंगी... डोंट वैरी..और सुन तेरा फोन मैं लेकर जा रहीं हूँ... दरअसल मेरा फोन तो मैं तेरे घर ही भूलकर आ गई....। मुझे कुछ काम होगा तो मैं रवि के नंबर पर फोन कर दूंगी..। ओके... बाय...इंजोय..। 

विनी मुस्कुराती हुई वहाँ से चली गई..। सलोनी ने रोकने की बहुत कोशिश की पर विनी तो पहले से ही सब कुछ प्लान करके बैठी थीं..। 

होटल से बाहर आकर उसने सुनील को फोन किया और कहा :- हैलो अंकल... सलोनी का फोन मेरे पास हैं.. आप उसके नंबर पर फोन कर दिजिए.. मैं फोन साइलेंट पर रख रहीं हूँ... ताकि आप के लिए बाद में आसानी रहें..। 

ठीक हैं बेटा...। लेकिन सलोनी तेरे साथ ही हैं ना...! 

हाँ हाँ अंकल मेरे साथ ही हैं... हम मार्केट में शापिंग कर रहे हैं... फोन मेरे बैग में रख रहीं हूँ..। 

ओके बेटा... थैंक्यू..। 

विनी ने अपने कहे अनुसार सलोनी का फोन साइलेंट पर रख दिया..और सुनील ने अपने प्लान के मुताबिक आठ दस बार सलोनी के नंबर पर लगातार फोन किये...। 

विनी मार्केट में शापिंग में व्यस्त हो गई..। वही होटल में रवि और सलोनी आपस में बातें करने और एक दूसरे के बारे में जानने लगे...।कुछ देर बाद ही रवि ने सलोनी का हाथ पकड़ा...और उसके करीब जाकर बैठ गया...। सलोनी थोड़ा असहज महसूस करने लगी...। उसने हाथ छुड़ाने की कोशिश की...। 

क्या हुआ यार...इतना तो हक़ बनता हैं मेरा...। हाथ ही तो पकड़ रहा हूँ...। 

लेकिन रवि... अभी... हम... 

अभी हम क्या... कुछ दिनों में तो बंधन में बंध ही रहे हैं ना.. क्या तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं हैं..! 

ऐसी बात नहीं हैं रवि... लेकिन..। 

कम ऑन यार... हाथ पकड़ना... गले लगना ये सब तो नार्मल हैं..। इसमें इतना घबराने वाली क्या बात हैं..। 

लेकिन... वो... 

रवि थोड़ा गुस्सा करते हुए :- ठीक हैं... साफ साफ बोलो.. तुम्हें मुझसे डर लग रहा हैं...। मैं ही पागल हूँ जो इतनी दूर से अपना सब काम छोड़ कर लगातार दूसरे दिन तुमसे मिलने आ गया...। 

रवि गुस्से में उठकर सलोनी से दूर जाकर खिड़की की तरफ़ खड़ा हो गया...। 

कुछ पल कमरे में खामोशी छा गई....। 

आखिर कार सलोनी से रहा नहीं गया और वो उठकर रवि के पास गई.. और बोलीं :- रवि प्लीज... समझने की कोशिश करो... भले ही हम मार्डन हो... पर मैं... थोड़ा अजीब फिल़ कर रही हूँ... इसलिए बस....। 

रवि पलटा और उसके कंधे पर अपने हाथ रखकर बोला :- पहली बार सब को अजीब ही लगता हैं यार...और फिर एक दूसरे को इतना करीब से जानने का मौका सबको नहीं मिलता.. मेरा भरोसा करो सलोनी... मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दूंगा.. आइ लव यू यार..।

ऐसा कहते कहते रवि ने सलोनी को बांहों में भर लिया..। इस बार सलोनी की तरफ़ से कोई आनाकानी नहीं हुई..। 

शायद उसे फिर से रवि के रुठने का डर था... या फिर अब वो सहज महसूस कर रहीं थीं...। 

धीरे धीरे उनके बीच नजदिकीयाँ बढ़तीं गई...। बांहों का आंलिग्न अब बिस्तर तक आ गया था...। 


तकरीबन डेढ़ घंटे बाद जब विनी का फोन रवि के मोबाईल पर आया तब वो दोनों होश में आए...। फोन आतें ही सलोनी ने तुरंत अपने आप को संभाला और वाशरूम चलीं गई...। 

कुछ देर बाद वो बाहर आई और तैयार होने लगी...। 

रवि उसके नजदीक गया और उसे बांहों में भरकर कहा... थेंक्स यार...आज का दिन मैं कभी नहीं भुलूंगा...। 

मैं भी.... कभी नहीं भुल पाऊंगी रवि..। 

तुम तैयार हो जाओ... मैं तुम्हें छोड़ आता हूँ...। 

अरे हम चले जाएंगे..। 

हाँ पता हैं... पर अब तुम मेरी जिम्मेदारी हो.. ओर इसी बहाने थोड़ा ओर टाइम बिता लुंगा तुम्हारे साथ...। वैसे इन सब के लिए विनी को भी एक थैंक्स देना तो बनता हैं..। 

खबरदार जो ये बात... किसी को भी बताई रवि... ये सिर्फ हम दोनों के बीच रखना..। 

क्यूँ... डर लग रहा हैं...! 

डर की बात नहीं हैं रवि... पर एक बार हम रिश्ते में बंध जाए...। 

डोंट वैरी... माय लव..नहीं बताऊंगा... मैं तो तुम्हें छेड़ रहा था..। ये लम्हे सिर्फ तुम्हारे और मेरे बीच ही रहेंगे.. आइ प्रोमिस...। 


कुछ देर बाद ही विनी ने दरवाजे की रिंग बजाई...। रवि वाशरूम में था तो सलोनी ने दरवाजा खोला..। 


सलोनी की जिंदगी का ये पल क्या करवट लेता हैं जानते हैं अगले भाग में...। 



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7 Comments

Radhika

14-Feb-2023 08:18 AM

Nice

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Barsha🖤👑

24-Sep-2022 10:07 PM

Very nice

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Seema Priyadarshini sahay

24-Sep-2022 07:02 PM

अगले भाग का इंतजार है

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