यारो जब भी वो बोलेंगे

यारो जब भी वो बोलेंगे
ज़हर हवाओं में घोलेंगे

देंगे न कभी साथ तुम्हारा
वो ग़ैरों के संग हो लेंगे

दोस्त भले ही ख़ामोश रहें
दुश्मन राज़ सदा खोलेंगे

पैंसा तेरे पास अगर है
रिश्तेदार निकट डोलेंगे

दुष्कर्मों की दुहाई देके
सतकर्मों को सब तोलेंगे

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11 Comments

Pratikhya Priyadarshini

27-Sep-2022 12:10 AM

Bahut khoob 🙏🌺

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Wahhh बहुत ही खूबसूरत रचना

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Reena yadav

25-Sep-2022 11:40 PM

👍👍

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