Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -25-Sep-2022

ज़िन्दगी और क्या हैं


तुझको जवाबों में ढूंढ कर
मेरे हर सवालों को आसान कर
फिर भी क्यों लग रही है उलझन
ज़िन्दगी और सवाल क्या हैं।

तुझको खवाबों में पीरो कर
मेरे हौंसलों को बढ़ा कर
टूट सा गया हूँ मैं जाने क्यों
ज़िन्दगी और ख्याल क्या हैं।

गिन गिन कर दी है जो खुशियां
कर कर यु गमो की मुझे पर बारिश
बेहिसाब है मेरे गमो का पुलिंदा
ज़िन्दगी तेरे और हिसाब क्या हैं।

कुछ तेरा न कहना, कुछ मेरा न सुनना
लफ्ज़ खामोश न रह जाए कभी
कुछ तो ऐ ज़िन्दगी मुझे भी बताना
ज़िन्दगी और बात क्या है।

   18
10 Comments

Pratikhya Priyadarshini

26-Sep-2022 11:47 PM

Bahut khoob 🙏🌺

Reply

Haaya meer

26-Sep-2022 07:35 PM

Amazing

Reply

Bahut khoob 🙏🌺

Reply