Madhavi singh

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परदेश में पिया






आरव ऑफिस में परेशान सा फाइलों से उलझ रहा था एक के बाद एक फ़ाइल के पन्ने पलटा ता ही रहा था ऐसा मालूम पड़ रहा था जैसे उसकी कोई कीमती चीज खो गयी हो जब नही मिलती तो गुस्से में फाइल नीचे फेंक देता है फोन उठा कर अपनी सेकेटरी को फोन लगता है ! 

हलो माधवी जब तुम से कोई काम ठीक से नही होता तो उसे करती ही क्यों हो जानती हो न मेरे लिए वो ड्रीम प्रोजेक्ट कितना इम्पोर्टेड है एक एक फ़ाइल देख ली है पर कही नही मिली गुस्से में तमतमाया हुआ आरव बोलता है ! 

ओ हलो कौन हो तुम जो बिना ये जाने की कॉल पर कौन है कौन नही फोन सही जगह लगा भी है या नही बस बोले ही जा रहे हो ! 

आरव ये सुन कर थोड़ा झिझक जाता है मैने तो कॉल निधि को लगाया था आप कौन है मिस ,,,,,,,,,,,,,,,,

सर यहाँ कोई निधि  नही है ये मेरा नंबर है लगता है आप का रोंग नंबर लग गया है ! 

सारी मिस थोड़ा ज्यादा बोल गया मुझे लगा निधि है ! आपके रिप्लाय का भी इंतज़ार नही किया और आप को क्या क्या बोल गया ! 

इतनी मधुर आवाज सुन कर आरव थोड़ा नार्मल होने की कोशिश करने लगा था वो लड़की पूछती है आखिर आप इतने भड़के हुए क्यों है आरव उसे बताता है कि 

उसका एक ड्रीम प्रोजेक्ट की फाइल है वो उसे कही नही मिल रही है उस की सेकेटरी 2 दिन की  छुट्टी पर गयी हुई है कब से ढूंढ रहा हूँ पर मिल ही नही रही तो  हार कर उसको ही कॉल लगाया था पर वो आप को लग गया और सारा गुस्सा आप पर निकल दिया ! 

ओह तो ये बात है तो अगर  कुछ कहूँ तो बुरा तो नही मानेंगे न , 

नही नही मिस गलती की है अगर आप डाँड़ना चाहे तो डाँड़  सकती है ! 

ऐसा ही कुछ समंझ लीजिए आप ओके आरव का मुँह बन जाता है पहले तो आप आराम से बैठे , अरे बैठा ही तो हूँ , 
ऐसे नही आराम से रिलेक्स हो कर ओके आरव बोलता है ! 

आँखे बंद करे अरे ! क्यों , करे तो राव बिचारा कर लेता है  अजीब पागल लड़की है क्या क्या करवा रही है ! 

अब क्या करूँ यूँ ही पड़ा रहूँ थोड़ा खिसियां कर बोलता है वो हँसते हुए नही आप सामने मेज पर पड़ी फाइलों को घ्यान से देखो ! 

राव को फ़ाइल दिख जाती है वो खुशी से उझल पड़ता है शुक्रिया मिस मिल गयी यही थी ! 

कभी कभी चीजे हमारे सामने ही होती है पर ख्याल दस चीजों में होता है तो सामने की चीज भी नही दिखती है ! ये ही आरव के साथ हुआ  इतनां परेशान था तो नही मिल रही थी ! 
शांत मन से चीजों को देख या ढूंढ जाए तो मिल ही जाती है ! 

ठीक है सर अब आप का तो काम हो गया हम अपना काम कर लेते है कॉल काट देती है उधर आरव हलो हलो करता ही रह जाता है !
आरव के कानो मे अभी भी मिश्री की बोली जैसी आवाज़ गूंज रही थी कौन थी क्या नाम था कहाँ से थी उसे के बारे में वो कुछ और पूछता इससे पहले ही उसने कॉल काट दिया था !:

इतनी प्यारी आवाज़ क्या आरव फिर कभी सुन पायेगा ये तो गलती से कॉल लग गया था अब दुबारा क्या आरव की बात हो पाएगी देखते है अगले  भाग में जब तक के लिए माधवी को विदा दीजिए मिलते हैं नए अध्याय के साथ 🙏

 

माधवी



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5 Comments

sunanda

25-Apr-2023 01:57 PM

nice

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Reena yadav

03-Oct-2022 10:28 PM

बहुत ख़ूब 👍👍🌺 थोड़ा सा वर्णों की अशुद्धि पर ध्यान दे🙏

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shweta soni

27-Sep-2022 11:28 AM

Bahut khub

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