Sarfaraz

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स्वैच्छिक

🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹

बन्दूक़ो तोप वाले , तीर ओ कमान वाले।
सब ताड़ते हैं तुझको ऊँची उड़ान वाले।

यह  बात  जानते हैं सारे जहान वाले।
हैं  अम्न  के  पुजारी  हिन्दोस्तान वाले।

ख़ुशबू बिखेरते हैं लह्जे की अपने हर सू।
करते हैं गुफ़्तगू जब उर्दू ज़ुबान वाले।

बाँधेंगे किसके सर पर सेहरा ह़िफ़ज़तों का।
लूटेंगे गुल्सितां जब ख़ुद गुल्सितान वाले।
 
आओ नमाज़ पढ़ने आओ सुकूँ की जानिब।
कहते हैं सिर्फ़ यह ही सारे अज़ान वाले।

थे जिससे मीर ग़ालिब हसरत ख़ुमार फ़ानी।
ज़िन्दा हैं अबभी जग में उस ख़ानदान वाले।

दोनों ज़बानें हम को बेहद पसंद हैं,यूँ।
हम  हैं  फ़राज़  हिन्दी , उर्दू  ज़बान वाले।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद उ0प्र0।

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8 Comments

Sarfaraz

28-Sep-2022 11:11 AM

Shukriya dosto

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Bahut ache💐👍🙏🌺

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Reena yadav

27-Sep-2022 09:30 PM

Very nice

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