Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -27-Sep-2022 मेरे वतन से है मेरी आखिरी ख्वाहिश

शीर्षक-मेरे वतन से है मेरी आखिरी ख्वाहिश


मेरे वतन से है मेरी आखिरी ख्वाहिश

जब भी हो मेरी आंखें बंद,
भारत माता के आंचल में हो सिर,
देखूं मैं उस समय,
लहरता हुआ भारत का परचम।

मेरे वतन से है मेरी आखिरी ख्वाहिश

इस मिट्टी में हुआ जन्म,
जब भी हो मेरी आंखें बंद,
मिट्टी का लगाऊं मैं तिलक,
इस मिट्टी में हो जाऊं दफन।

मेरे वतन से है मेरी आखरी ख्वाहिश

जब भी लगे सीने पर गोली,
मुंह में हो एक ही बोली,
वंदे मातरम ही  दोहराऊं,
यही गीत गाकर आंखें बंद कर जाऊं।

मेरे वतन से है मेरी आखिरी ख्वाहिश

जब भी दे कोई मुझे शहादत,
आंख ना हो किसी की नम,
भारत माता का हूं रक्षक,
तिरंगा है मेरा कफन।

मेरे वतन से है मेरी आखिरी ख्वाहिश

वर्दी है मेरा फर्ज,
मर मिटने को है मेरा तन,
जब भी लूं में आखिरी सांस,
चेहरे पर मुस्कुराहट, आंखें हो खुली।

मेरे वतन से है मेरी आखिरी ख्वाहिश

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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10 Comments

Palak chopra

28-Sep-2022 11:55 PM

Very nice 👍🌺💐

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Punam verma

28-Sep-2022 08:03 AM

Very nice

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बह ही सुंदर रचना

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