कविता
तेरे "सोहबत" में रहकर तो,
मैं "कविता" सीख पाता हूं।
तुझे देखूं जो सिद्दत से,
कविता एक पाता हूं।
कविता भी जो एक ऐसी,
जो मुझको कुछ नया सिखलाती है,
मुझे तुझसे जोड़ती है,
मुझे तेरा बनाती है।
तुझमें मैं कुछ अलग सा,
एक "भाव" पाता हूं,
अपने सारे भावों का,
एक "ठहराव पाता हूं।
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Palak chopra
28-Sep-2022 10:40 PM
👍
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Raziya bano
28-Sep-2022 09:50 PM
Nice
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आँचल सोनी 'हिया'
28-Sep-2022 09:28 PM
Bahut khoob 🙏🌺
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