Madhu Arora

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फरिश्ता

फरिश्ता बनने के ख्वाब ना देखो,
हर युग में फरिश्तों को सजा मिलती है।
राम बनकर परीक्षा कई देनी पड़ती हैं
जीसस बनकर फांसी पर लटकना पड़ता है।
कौन करता है कद्र जीते जी किसी की
मरने के बाद लाखों की भीड़ इकट्ठी होती है
पूजती है दुनिया उनके चरण कमल
जिनका पूरा जीवन परीक्षाओं में गुजरता है।
                रचनाकार ✍️
               मधु अरोरा 
               

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4 Comments

बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन,,, बहुत ही गहरे भाव लिए हुयी कविता है

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Renu

29-Sep-2022 12:46 AM

Nice....🌺👏👏

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Palak chopra

29-Sep-2022 12:33 AM

Bahut khoob 🙏🌺

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